बड़ी खबर ये कि पत्रकार राजीव प्रताप की मौत मामले में पुलिस ने किया बड़ा खुलासा किया है। अब तक जो अटकलें थीं, उन पर क्या पुलिस के इस नए खुलासे से उन उटकलों पर विराम लग गया है। Journalist Rajiv Pratap Death Case पुलिस ने न सिर्फ पूरी टाइमलाइन पेश की है, बल्कि तथ्यों के साथ बताया है कि आखिर क्या-क्या हुआ उस दिन। क्या ये हादसा था या इसके पीछे है कोई गहरी साजिश? जवाब मिल चुके हैं पुलिस को आज की इस रिपोर्ट में, मैं आपको दिखाने के लिए आया हूं दोस्तो इस सनसनीखेज मामले की पूरी पड़ताल। दोस्तो पत्रकार राजीव प्रताप मौत मामले में पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ ही सीसीटीवी कैमरे खंगाले, जिसके बाद पुलिस ने बड़ी जानकारी दी है। साथ ही किया है एक बड़ा खुलासा तो आपसे गुजारिस ये है कि आप अंत तक इस वीडियो में मेरे साथ बने रहें। दोस्तो पत्रकार राजीव प्रताप की रहस्यमयी मौत के मामले में पुलिस ने जांच की जो विस्तृत जानकारी साझा की है, उससे यह मामला अब एक सड़क दुर्घटना की ओर इशारा करता नजर आ रहा है।
पुलिस उपाधीक्षक उत्तरकाशी जनक पंवार ने मामले में अब तक की जांच की टाइमलाइन और तकनीकी तथ्यों के साथ जो जानकारी दी, वह न केवल पूरे घटनाक्रम को स्पष्ट करती है बल्कि इस मौत के पीछे किसी गहरी साजिश की संभावना को भी कम करती है। दगड़ियो पुलिस के अनुसार, 18 सितंबर की शाम को राजीव प्रताप अपने पूर्व छात्र और कैमरामैन मनबीर कलूड़ा के साथ अपने कमरे से निकले और पुलिस लाइन में तैनात मुख्य आरक्षी सोबन सिंह से मिलने पहुंचे। तीनों ने साथ मिलकर पहले शराब खरीदी और फिर दरबार बैंड टैक्सी स्टैंड के पास खाना-पीना किया। रात करीब 10 बजे तक तीनों का साथ रहा। इसके बाद सोबन सिंह वहां से जाने लगा लेकिन राजीव के कहने पर वह फिर रुका और दोनों बाजार की ओर रवाना हुए। दोस्तो ये पत्नि ने तब गुहार लगानई थी, लेकिन तब और अब पुलस की थ्योरी तो वहीं कह रही है। पुलिस का कहना है कि अब सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, रात 11 बजे राजीव होटल से लड़खड़ाते हुए बाहर निकलते हैं और कुछ देर बाद सोबन सिंह भी बाहर आता है। दोनों गाड़ी में बैठते हैं, लेकिन थोड़ी देर बाद सोबन गाड़ी से उतर जाता है और राजीव अकेले ड्राइविंग सीट पर बैठा रहता है। इसके बाद गाड़ी को आखिरी बार गंगोरी पुल पर रात 11:38 बजे देखा गया, जहां वह अकेले थे।
इतना ही नहीं पुलिस की जांच में सामने आया कि गाड़ी के नदी में गिरने के समय सभी दरवाजे अंदर से लॉक थे और शीशे चढ़े हुए थे। चाबी भी गाड़ी में ही लगी मिली, विशेषज्ञों की मानें तो इस स्थिति में गाड़ी चालक के बाहर निकलने की संभावना ना के बराबर होती है। जब तक कि दरवाजे या शीशे नहीं टूटते, गाड़ी के अंदर रेत हटाने पर एक नीली चप्पल मिली, जो संभव है राजीव प्रताप की थी। गाड़ी से कोई अन्य संदिग्ध सामग्री नहीं मिली। दोस्तो पुलिस ने आगे बताया है कि सोबन सिंह के बयान से भी यह साफ होता है कि उसने राजीव को गाड़ी न चलाने के लिए बहुत समझाया था, लेकिन राजीव नशे में होने के कारण नहीं माना, इसके बाद सोबन पैदल ही कोट बंगला की ओर चला गया, लेकिन राजीव वहां नहीं मिला, फिर वह अपने कमरे लौट गया। दोस्तो आगे देखिए पुलिस का क्या कहना है पुलिस ने तकनीकी तौर पर भी जांच की है और टेक्निकल निरीक्षण और बयानों के आधार पर पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंच रही है कि राजीव प्रताप की मौत एक दुर्घटना के कारण हुई। जी हां पुलिस का यही कहना है कि राजीव की मौत एक दुर्घटना है, साथ ही भी बताया जा रहा है कि नशे की हालत, रॉन्ग साइड ड्राइविंग और गाड़ी चलाने के कम अनुभव ने इस हादसे की भूमिका बनाई। औ राजीव इस दुनिया से चला गया। हालांकि दगड़ियो मामले की विवेचना अब भी जारी है और एसआई दिलमोहन बिष्ट इसे देख रहे हैं। पुलिस सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए निष्कर्ष तक पहुंचने की कोशिश कर रही है, ताकि राजीव प्रताप की मौत से जुड़ी हर शंका का समाधान किया जा सके।
दोस्तो इस जांच से ये तो साफ हो गया है कि घटनाक्रम में फिलहाल कोई आपराधिक साजिश सामने नहीं आई है, लेकिन अंतिम रिपोर्ट ही राजीव की मौत के पीछे की पूरी सच्चाई को सामने ला सकेगी। दोस्तो पुलिस की अब तक की जांच में जो चौकाने वाली बात आई वो ये कि पत्रकार राजीव प्रताप की मौत मामले में पुलिस ने अपनी विवेचना की तो हत्या नहीं, बल्कि सड़क दुर्घटना में मौत हुई है, ये कहा गया। पुलिस के मुताबिक, दुर्घटना की रात को राजीव शराब के नशे में धुत था, वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। सीसीटीवी कैमरे में राजीव को हाइवे पर रॉन्ग साइड गाड़ी चलाते हुए देखा जा सकता है। इसके साथ ही वह सीसीटीवी में लड़खड़ाते हुए भी साफ देखा जा रहा है। अब क्या होगा इस मामले में आगे क्या क्या निकल कर आता है देखना होगा।