Uttarakhand Poltics News: महाराष्ट्र राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे के बाद जितनी हलचल महाराष्ट्र में है। उतनी ही उत्तराखंड में भी राजनीतिक हलचल देखने को मिल रही है। स्थिति यह है कि भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे की मंजूरी की खबर आते ही उत्तराखंड में राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। राज्यपाल पद से भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चिंताजनक बताया है। कोश्यारी ने भले ही पद से इस्तीफा दिया हो, लेकिन हरीश रावत ने इसे भाजपा के शीर्ष नेेतृत्व का फैसला बताते हुए निशाना साधा है। फेसबुक पेज पर हरीश ने इस संबंध में एक पोस्ट साझा की है।
हरीश रावत ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने आखिरकार भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से हटा ही दिया। हरीश ने रमेश पोखरियाल निशंक का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि देश को नई शिक्षा नीति देने वाले निशंक को भी बीच में ही पद से हटा दिया गया था। हरीश ने कहा कि इस तरह कार्यकाल के बीच में पट से हटना चिंताएं पैदा करता है। उन्होंने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड की राजनीति के महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और हमेशा बने रहेंगे। वह उनके विचारों के नहीं, बल्कि उनके समर्पण के कायल हैं। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा यूं तो यह भाजपा का अंदरूनी मामला है, लेकिन जिस तरह कोश्यारी ने महाराष्ट्र में बयान दिए हैं, उससे भाजपा असहज थी और इसीलिए उनका इस्तीफा लिया गया है। अब भगत सिंह कोश्यारी के उत्तराखंड वापस लौटने से सरकार की भी परेशानियां बढ़ सकती हैं।