Uttarakhand Poltics: उत्तराखंड में लैंसडाउन का नाम बदलने के प्रस्ताव को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। कांग्रेस ने इस कवायद का विरोध किया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और काग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि वह लैंसडौन को गुलामी का प्रतीक नहीं मानते। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि हम नहीं मानते कि लैंसडौन गुलामी का प्रतीक है। इस नाम की अपनी एक अगल पहचान है। तमाम उपलब्धियां इस नाम के साथ जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार रोज नए-नए शिगूफे छोड़कर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। अगर कुछ बदलना ही है तो लैंसडौन में सड़कों की हालत बदली जानी चाहिए। वहां मेडिकल कॉलेज खोलें, नर्सिंग कॉलेज खोलें, होटल मैनेजमेंट का इंस्टीट्यूट शुरू करें, तब जाकर वहां के लोगों का भला होगा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर निशाना साधा कि वह गुलाम मानसिकता की जंजीरों में जकड़ी है और उसे अब इससे बाहर निकल जाना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के बयान पर कटाक्ष करते हुए भट्ट ने कहा कि लैंसडौन का नाम गुलामी की पहचान है और इसे मिटना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि रक्षा मंत्रालय की ओर से मांगे गए प्रस्ताव पर जल्द अमल होगा और लैंसडौन का नाम बदल जाएगा। भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुलाम मानसिकता के प्रतीकों को हटाने का जो वचन लिया है, उसे उत्तराखंड सरकार पूरा करेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दासता की सोच से बाहर निकलकर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रति जनभावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
लैंसडौन नाम को लेकर भाजपा के भीतर भी एक राय नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कालौं का डांडा का नाम का समर्थन किया है, लेकिन क्षेत्रीय विधायक दिलीप रावत ने भी दो नाम सुझाए हैं। विधायक दिलीप रावत का कहना है कि यदि नाम बदला जाता है तो उनकी ओर से लैंसडौन का नाम कालेश्वर नगर या फिर गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट के संस्थापक लाट सुबेदार बलभद्र सिंह नेगी के नाम पर रखने का सुझाव रक्षा मंत्रालय को दिया गया है। नगर के स्थानीय लोग व कुछ संगठन नाम बदलने के विरोध में हैं। नाम बदलने से संबंधित इस मामले में सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया पर लैंसडौन ओल्ड स्टूडेंट्स एसोसिएशन (लोसा) ग्रुप में नाम बदलने का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है।