उत्तराखंड में युवाओं को निगलती सियासत | Uttarakhand News | CM Dhami | Chamoli | BJP | Congress

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दगड़ियों जो खबर मैं आपके लिए लेकर आया हूं वो बेहद ही सनसनीखेज है, हमारे उत्तराखंड के युवा कब तक नेता का निवाला बनते रहेगें। वो अंकिता भंडारी वाला केस याद है ना, आज मै एक ऐसे मामले का का खूलासा करने आया हूं। Jitendra Singh Suicide Case मै बताने आया हूं कि कैसे उत्तराखंड BJP युवा मोर्चा के महाभ्रष्टाचार ने ले ली एक व्यक्ति की जान। मै बताउंगा कि कैसे एक चौंकाने वाले नये खुलासे ने उड़ाई BJP की नींद को उड़ा दिया। दगड़ियो उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक दिल दहला देने वाला और सोचने पर मजबूर कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। 32 वर्षीय जितेंद्र कुमार (जितेंद्र नेगी, जीतू) ने न सिर्फ अपनी जान दे दी, बल्कि अपनी मौत से पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री हिमांशु चमोली को सीधे-सीधे करोड़ों के कर्ज़ हड़पने और धोखाधड़ी का आरोपी ठहराया है।

यह घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक विसंगतियों का भी आईना है। युवक की मौकका कारण: कर्ज़ का बोझ या राजनीतिक षड़यंत्र? ये वो सवाल है जिसका जवाब हर कोई कोई खोज रहा है। दगड़ियों 32 साल के जितेंद्र नेगी की मौत की वजह का मूल कारण क्या था? क्या यह सिर्फ कर्ज़ का बोझ था या कहीं इस मामले में राजनीतिक शक्ति का गलत इस्तेमाल भी शामिल है? जितेंद्र ने अपने वीडियो में बताया कि हिमांशु चमोली ने उससे लगभग 35 लाख रुपये उधार लिए थे, जो उसने विभिन्न स्रोतों से लिए थे।

उसने कहा कि ये पैसे मर्सिडीज़ खरीदने, न्यूज़ पोर्टल खोलने और अन्य व्यावसायिक कामों में लगाए जाने थे। लेकिन हिमांशु ने न सिर्फ पैसे वापस नहीं किए, बल्कि इसके अलावा उससे और भी धोखाधड़ी की गई। इस कर्ज़ का बोझ और धोखाधड़ी के चलते ही उसने खुद को खत्म करने का फैसला लिया। यह स्पष्ट संकेत है कि सत्ता का दुरुपयोग कितनी बड़ी हद तक एक आम युवा की जिंदगी तबाह कर सकता है। दगड़ियों इतना भर नहीं है, जितेंद्र ने आरोप लगाया कि हिमांशु ने मुख्यमंत्री कार्यालय के OSD के नाम से भी पैसे लिए। हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई OSD नियुक्त नहीं है और यह पूरी बात झूठ है। यह बात साबित करती है कि सत्ता के नाम पर लोगों को धोखा दिया जा रहा है। राजनीतिक दलों की साख और जिम्मेदारी पर सवाल उठते हैं जब उनके नेता ऐसे घोटाले में फंसे पाए जाते हैं। दगड़ियों देखिए बीजेपी ने क्या किया जब बात गले तक आई तो भाजपा युवा मोर्चा ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए हिमांशु चमोली को प्रदेश मंत्री पद से हटाया है, लेकिन यह घटना पार्टी के लिए गहरा आघात है।

जितेंद्र का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। वीडियो में जितेंद्र ने युवाओं से सतर्क रहने और भरोसा करने से पहले सोचने की सलाह दी है। यह वीडियो न केवल एक अपनी जीवन लीला समाप्त करने वाला बयान है। बल्कि एक सामाजिक चेतावनी भी है। यह दिखाता है कि आज के युवा किस मानसिक और वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं और उन्हें धोखा देने वालों के खिलाफ कैसे आवाज उठानी चाहिए। घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने तुरंत कार्यवाही शुरू कर दी है। फॉरेंसिक टीम ने जांच शुरू कर दी है और आरोपी हिमांशु को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। हालांकि जांच प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है, पर यह देखना होगा कि क्या सिस्टम पीड़ित को न्याय दिला पाता है या फिर यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा।जितेंद्र के मामले में यह भी ध्यान देना जरूरी है कि उसकी व्यक्तिगत आर्थिक परेशानियां भी उसकी मानसिक स्थिति पर भारी पड़ीं। लाखों रुपए के कर्ज़ के दबाव में आकर उसने यह कदम उठाया।