उत्तराखंड में पोषण योजना पर लगा मिलावट का दाग, नमक घोटाले की कड़वी सच्चाई अब ऐसे खुल रही है पोल गरीबों के हिस्से में रेत! नमक घोटाले की जांच शुरू। वीडियो वायरल हुआ तो हिली कुर्सियां, नमक में मिलावट की खुली गई पोल। Iodized Salt In Uttarakhand बताऊंगा इस नमक के खेल के बारे में, दगडियो ये बड़ी सोचने वाली बात है कि नमक का दरोगा सुना था पढा था। अब नमक के घोटाले की गूंज सुनाई दे रही है। क्या है ये घोटाला बनातने जा रहा हूं, सिलसिलेवार तरीके से, ये नमक सरकारी है और इस नमक के पैकेट में पीएम मोदी और सीएम धामी की फोटो लगी है। बाहर से शानदार पैकिंग है बल और इसके अंदर से ये क्या मिला हुआ निकल रहा है, जिससे लोग कह रहे हैं कि स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। तो दगड़ियो अब जब पोषण योजना पर मिला मिलावट का दाग, प्रशासन अब जागा है आगे बताउंगा आपको क्या कार्रवाई हो रही है, कैसे हो रही है लेकिन उससे पहले आप को इस खेल के बारे में बताता हूं। दगड़ियो उत्तराखंड में सरकारी पोषण योजना के तहत गरीबों को वितरित होने वाले राशन में नमक तक सुरक्षित नहीं रहा एक महिला द्वारा वायरल किए गए वीडियो ने प्रशासन की आंखें तब खोलीं, जब नमक में साफ तौर पर रेत की मिलावट देखी गई।
वीडियो के वायरल होते ही प्रशासन सक्रिय हुआ, और जिलाधिकारी सविन बंसल ने तत्काल छापेमारी के आदेश दिए और एक साथ कई क्षेत्रों में अधिकारियों की कसरत शुरू हो गई। दोस्तो ये वही नमक है जो मुख्यमंत्री पोषण योजना के तहत सस्ते गल्ले की दुकानों पर गरीबों को मुहैया कराया जा रहा था, लेकिन अब यह सवाल बन गया है कि क्या सरकारी योजनाओं में बांटा जाने वाला नमक, वास्तव में पोषण दे रहा है या बीमारी? ये कुछ तस्वीरे जो वायरल हो हो रही हैं। वो तो कुछ ऐसा ही कह रही हैं। दोस्तो जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर तहसील सदर, चकराता, विकासनगर, मसूरी, डोईवाला और ऋषिकेश की 19 सस्ते गल्ले की दुकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। सभी एसडीएम और तहसीलदार मौके पर पहुँचे और नमक के सैंपल लेकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी को जांच के लिए भेज दिए। तो दगड़ियो मुख्यमंत्री पोषण योजना के तहत सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से मिलने वाले नमक में रेत मिलने की शिकायतों के बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में जांच के निर्देश दिए। इसके तहत मसूरी में एसडीएम कुमकुम जोशी के छापेमारी कर दुकानों से नमक के सैंपल लिए और जांच के लिए लैब भेज दिए। उन्होंने कहा कि सभी दुकानों का निरीक्षण किया गया है।
नमक के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने पर कार्रवाई होगी। दगड़ियो ये बड़ा खेल क्या होगा बल और इन सवालों का जवाब कौन देगा बल जो मैं पूछने जा रहा हूं। क्या ये नमक पहले भी बांटा जा रहा था? क्या इससे पहले किसी ने जाँच की? और सबसे अहम—कौन है इस मिलावट के पीछे है। पूरा मामला तब उजागर हुआ जब एक महिला ने गल्ले से मिले नमक को दिखाते हुए वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा था कि नमक में रेत मौजूद है, ये सिर्फ नमक की नहीं, सिस्टम की भी पोल खोलने वाला वीडियो था। इसके बाद कई वीडियो सामने आये इन एक वीडियो ने साबित कर दिया कि गरीबों को दिया जाने वाला राशन न केवल घटिया गुणवत्ता का है, बल्कि सीधे तौर पर स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। क्या पहले भी हो चुकी हैं गड़बड़ियां? ये सावाल इसलिए है क्योंकि इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं जी हां दोस्तो ये कोई पहला मामला नहीं है। कुछ महीने पहले भी अनाज में मिलावट और घटिया गुणवत्ता की शिकायतें सामने आई थीं। जिलाधिकारी ने तब भी खुद छापेमारी की थी और कई दुकानों में अनियमितता पाई गई थी लेकिन सवाल यह है कि तब की गई कार्रवाई कितनी टिकाऊ रही? अगर दोषियों पर ठोस कार्रवाई होती, तो क्या आज फिर नमक में रेत मिलती? अब दगड़ियो नमक जैसे बुनियादी खाद्य पदार्थ में मिलावट, क्या सिर्फ गलती है या घोटाला? ये सिर्फ लापरवाही नहीं है, यह एक गंभीर अपराध है। नमक, जो शरीर के लिए ज़रूरी खनिज है, उसमें मिलावट गरीबों के जीवन से सीधा खिलवाड़ है यह साबित करता है कि हमारी जन वितरण प्रणाली (PDS) कितनी खोखली और भ्रष्ट हो चुकी है। अब तो दगड़ियो प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं, सैंपल लैब में भेजे जा चुके हैं, रिपोर्ट का इंतज़ार है लेकिन सवाल ये है। क्या रिपोर्ट आने तक दोषियों को बचने का मौका मिलेगा? क्या यह सिर्फ खानापूरी होगी या ठोस कार्रवाई होगी? क्या इस बार सिर्फ निचले स्तर पर बलि का बकरा बनेगा या ऊपर तक जिम्मेदारी तय होगी?