अमूमन शांत रहने वाले उत्तराखंड में सियासी बवाल मचा हुआ है। मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के ‘पहाड़ी’ वाले बयान पर को लेकर सियासत गरमाई हुई है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल विरोधियों के निशाने पर है। प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। Premchand Aggarwal Pahadi Statement अब बात प्रेमचंद अग्रवाल से इस्तीफा लेने तक की भी हो रही है। इसी कड़ी में चमोली में पहाड़ी स्वाभिमान रैली होने जा रही है। रैली में शामिल होने के लिए प्रदेश भर से लोगों को बुलाया गया है। मामला कितना गंभीर है, और लोग वित्त मंत्री के बयान से कितने खफा है, हाल के दिनों में हुए प्रदर्शन से आप लगा सकते है। वहीं स्वाभिमान रैली में उत्तराखंड के कई प्रमुख चेहरे जो अपनी अलग पहचान रखते है। वो भी शामिल होंगे न सिर्फ वो इस रैली में शामिल होंगे बल्कि रैली को सफल बनाने में भी वो जुटे हुए है।
चमोली के गैरसैंण में पहाड़ी स्वाभिमान रैली का आयोजन 6 मार्च को होगा। रामलीला मैदान में होने वाली इस रैली में हजारों लोगों के शामिल होने की संभावना है। वहीं उत्तराखंड के मशहूर लोक गायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो पोस्ट कर बताया कि 6 मार्च सुबह 10:30 बजे गैरसैंण और उसके आसपास की जनता पहाड़ी स्वाभिमान रैली का आयोजन करने जा रही है। रैली के जरिए मौजूद लोग मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे की मांग करेंगे। नरेंद्र सिंह नेगी ने लोगों से रैली में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर उत्तराखंड शासन-प्रशासन तक अपनी मांग को पहुंचाने की अपील की है।
तो सूना आपने, प्रेमचंद अग्रवाल के बयान से नरेंद्र सिंह नेगी बेहद आहत है, और वो अब मंत्री जी के इस्तीफे की बात कह रहे है। अब स्वाभिमान रैली के लिए के इस पोस्टर पर नजर डालिए। जिसमे साफ-साफ लिखा है कि प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त करो। पोस्टर में और भी कई ऐसी बाते लिखी है, जो प्रेमचंद अग्रवाल की मुसिबत बढ़ाने के लिए काफी है। मामला दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है, और प्रेमचंद अग्रवाल के साथ-साथ बीजेपी के दिग्गज नेता को समझ में नहीं आ रहा कि इस मामले को कैसे शांत कराया जाए। सरकार की परेशानी इस लिए भी बढ़ गई है कि विपक्षी दलों के साथ-साथ आम जनता और समाजीक संस्थान भी अब सड़कों पर उतर आई है, और मंत्री प्रेम चंद के इस्तीफे की मांग कर रही है।
आपको बता दे, कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 21 फरवरी को देहरादून में आयोजित बजट सत्र के दौरान विधायक मदन बिष्ट के क्षेत्रवाद का मुद्दे पर कुछ ऐसा बोल दिया कि उससे विवाद बढ़ गया। हालकि विधानसभा अध्यक्ष, रितु खंडूरी ने बीच में आकर सभी सदस्यों से ऐसी टिप्पणियों से बचने को कहा। लेकिन विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने बहुत हंगामा किया। इसके बाद पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। जगह-जगह प्रदर्शन किए गए, पुतले तक फूंके गए और प्रदर्शन का सिलसिला अभी भी जारी है..और अब बात इस्तीफे तक पहुंच गई है। वहीं मामला ज्यादा बढ़ा तो उत्तराखंड BJP अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने मंत्री अग्रवाल को बुलाया और सलाह दी कि वे सार्वजनिक बयानों में संयम बरतें।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मामले को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने एकता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य में रहने वाला हर व्यक्ति ‘उत्तराखंडी’है। सभी को राज्य के विकास के लिए मिलकर काम करना चाहिए। फिर भी, यह मुद्दा अभी भी बना हुआ है। कांग्रेस और अन्य संगठन अग्रवाल का इस्तीफा मांग रहे हैं। प्रेम चंद्र अग्रवाल के कद का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि उनके पास वित्त मंत्रालय के अलावा शहरी विकास और संसदीय कार्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग भी हैं। और यही वजह है कि प्रेम चंद अग्रवाल को लेकर विपक्षी पार्टियां हमलावर है। और अब इस मुद्दे पर आम लोगों का भी उनका साथ मिलता दिख रहा है। और स्वाभिमान रैली उसी का हिस्सा है।
क्या बोला था मंत्री ने? बीते महीने उत्तराखंड विधानसभा में सत्र चल रहा था इस दौरान किसी बात को लेकर सदन में गहमागहमी हो गई। इसी बीच मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पर्वतीय मूल की जनता के प्रति टिप्पणी कर दी। जिसके बाद सदन में ही जमकर हंगामा हुआ। और कुछ देर बाद ये बात पूरे पहाड़ को पता लग गई। पर्वतीय मूल के लोगों में नाराजगी है। इस घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। देखना होगा कि आगे क्या होता है। जनता की नजरें अब सरकार और विपक्ष के अगले कदम पर तो है हि..पहाड़ी स्वाभिमान रैली पर भी सबकी निगाहे टिकी हुई है।