कार्बेट पार्क में अवैध कटान और निर्माण मामले में 3 IFS अफसरों के खिलाफ कार्यवाई की तैयारी, लपेटे में आ सकते हैं हरक

Share

देहरादून: रामनगर में कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण और अवैध निर्माण मामले में 3 आईएएस अफसरों के खिलाफ खुली जांच पूरी हो गई है। विजिलेंस ने सेवानिवृत्त आइएफएस अधिकारी किशनचंद सहित तीन अधिकारियों के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है। विजिलेंस के निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि जांच में काफी साक्ष्य मिले हैं। तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति की गई है।

अब जल्द ही सरकार से अनुमति मिलने के बाद आरोपी अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा सकती है। बता दे, रामनगर नेशनल पार्क में अतिक्रमण यह मामला साल 2018-19 में सामने आया था। घटना पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान की है। ऐसे में जांच की आंच उनके ऊपर भी आ सकती है। वहीं किशनचंद के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का भी मुकदमा दर्ज है। वह 30 जून को ही सेवानिवृत्त हुए थे।

दरअसल, 9 नवंबर 2021 को शासन ने तीनों IFS अफसरों के खिलाफ कैंपा योजना के तहत रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में अतिक्रमण कर अवैध निर्माण की खुली जांच विजिलेंस को सौंपी थी। प्रारंभिक जानकारियां जुटाकर विजिलेंस ने 21 नवंबर 2021 को जांच शुरू की। बताया जा रहा है कि पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के कार्यकाल के दौरान रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क में कैंपा योजना में अनिमितताओं के अंतर्गत तीनों आईएफएस अफसरों ने जंगल में अतिक्रमण कर अवैध निर्माण कराया। ऐसे में अब मुकदमा दर्ज करने के बाद विजिलेंस पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ भी इस केस में कानूनी शिकंजा कर सकती है।