गैरसैंण में बजट सत्र कराने की तैयारी, ग्रीष्मकालीन राजधानी को लेकर सियासत गरमाई

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उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर से गैरसैंण चर्चाओं में आ गया है। एक तरफ सरकार ने बजट सत्र की तैयारी शुरू कर दी है। तो दूसरी तरफ गैरसेंण का मुद्दा गरमाया हुआ है। विपक्ष सरकार पर पहले ही गैरसेंण के मुद्दे पर हमलावर है तो भाजपा ने भी इस बार सत्र गैरसेंण में ही कराने की बात की है। राज्य की स्थापना के 22 साल बाद भी अब तक गैरसैंण केवल राजनीतिक दलों के लिए राजनीति का मुद्दा ही बना हुआ है। शायद यही कारण है कि गैरसैंण का जिक्र होते ही विपक्षी दल सत्ताधारी दल पर आक्रामक होते हुए दिखाई देते हैं। सरकार खुद को गैरसैंण का हितैषी बताने और इसका संदेश देने की कोशिश करती हुई नजर आती है। इसी कड़ी में उत्तराखंड में आगामी बजट सत्र का जिक्र भी गैरसैंंण की राजनीति को बढ़ा रहा है।

राज्य सरकार ने यह निर्णय कर लिया है कि बजट सत्र आगामी मार्च में गैरसैंण में किया जाए। उत्तराखंड के वित्त एवं संसदीय मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि बजट सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में होगा। बजट तैयार करने के लिए 27 फरवरी तक लोगों से सुझाव मांगे गए हैं। राज्य के विकास से जुड़े बेहतर सुझावों को बजट में शामिल किया जाएगा। वही, कांग्रेस की और से पूर्व सीएम हरीश रावत ने विरोध में विधानसभा के मुख्य द्वार पर ही उपवास पर बैठ गए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण को राजधानी बनाने का मुद्दा अगली पीढ़ी को सौंपने की बात कही है। इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि बीते वर्ष उत्तराखंड सरकार की ओर से गैरसैंण में बजट सत्र आयोजित करने का निर्णय टालना दुर्भाग्यपूर्ण है। हरीश रावत ने कहा कि पूर्व सीएम व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा परिसर में जाने से रोकने को लेकर वह आगामी विधानसभा सत्र के दौरान देहरादून में गिरफ्तारी देंगे।