Uttarakhand Lansdowne: उत्तराखंड की धामी सरकार ने भी राज्य में ब्रिटिश काल का ठप्पा हटाने का निर्णय लिया है। उन्होंने ऐसे शहरों, स्थानों के नाम बदलने की तैयारी कर ली है जो अंग्रेज अफसरों के नाम पर रखे गए हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में मुगल काल के दौरान रखे गए कई शहरों के नाम बदल दिए हैं। योगी सरकार ने इन शहरों को उनकी पुरानी पहचान के आधार पर नाम दिए हैं। इसी राह पर चलते हुए अब धामी सरकार ने भी ब्रिटिश काल का ठप्पा लगे शहरों का नाम बदलने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव पर अमल किया तो पौड़ी जिले में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र लैंसडौन का नाम फिर ‘कालौं का डांडा’ (काले बादलों से घिरा पहाड़) हो जाएगा।
आपको बता दें कि पहले इसे ‘कालौं का डांडा’ ही कहा जाता था। 132 साल पुराने लैंसडौन नाम को बदलने की तैयारी है। रक्षा मंत्रालय के आर्मी हेड कवार्टर ने सब एरिया उत्तराखंड से ब्रिटिशकाल में छावनी क्षेत्रों की सड़कों, स्कूलों, संस्थानों, नगरों और उपनगरों के रखे नामों को बदलने के लिए प्रस्ताव मांगें हैं। स्थानीय लोग इसका नाम बदलने की मांग वर्षों से करते आए हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि सेना का अपने संस्थानों के ब्रिटिशकालीन नामों को बदलकर उन्हें असली नाम देने की मुहिम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की औपनिवेशिक एवं गुलाम मानसिकता वाली सोच को परास्त करने की एक कड़ी है । स्थानीय स्तर पर लंबे समय से लैंसडौन का नाम बदलने की मांग होती आ रही है। स्थानीय लोग लैंसडौन का नाम कालौं का डांडा रखने की मांग करते आए हैं। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय को भी पत्र भेजे जा चुके हैं।