Annakoot mela in Kedarnath: विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में रक्षाबंधन से एक दिन पूर्व मध्य रात्रि से शुरू होने वाले अन्नकूट मेले को लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति एवं तीर्थ पुरोहितों की तैयारियां जोरों से चल रही है। इस अवसर पर केदारनाथ में स्थित स्वयंभू लिंग पर लगाए गए नए अनाज का भोग एवं श्रृंगार का भक्तजन दर्शन कर भोले बाबा का आशीर्वाद लेंगे। भतूज मेले को लेकर मंदिर को 15 कुंतल फूलों से सजाए जाने का कार्य चल रहा है। प्रतिवर्ष रक्षाबंधन से एक दिन पहले केदारनाथ मंदिर में अन्नकूट मेला (भतूज) धूमधाम से मनाए जाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है। मेले में सर्वप्रथम केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी शिव लिंग भगवान शिव के स्वयंभू लिंग की विशेष पूजा-अर्चना समस्त प्रक्रिया संपन्न करने पश्चात नए अनाज झगोंरा, चावल, कौंणी आदि के लेप लगाकर स्वयं भू लिंग का श्रृंगार करते हैं।
इस दौरान भोले बाबा का श्रृंगार का दृश्य अलौकिक होता है, जिसके बाद प्रतिवर्ष भक्त सुबह चार बजे श्रृंगार किए गए भोले बाबा के स्वयूं लिंग के दर्शन करते हैं। इसके बाद भगवान को लगाया गये अनाज के इस लेप को यहां से हटाकर किसी साफ स्थान पर विसर्जित किया जाता है। मंदिर समिति के कर्मचारी मंदिर की साफ सफाई करने के उपरान्त ही अगले दिन भगवान की नित्य पूजा-अर्चना करते हैं। इस मेले को लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति मेले की तैयारियों में जुटी हैं। मान्यता है कि नए अनाज में पाए जाने वाले विष को भोले बाबा स्वयं ग्रहण करते हैं। इस त्योहार को मनाने की परम्परा है।