देहरादून: उत्तराखंड में राष्ट्रपति चुनाव संपन्न हो गया है। राष्ट्रपति चुनाव संपन्न होने के बाद बैलेट बॉक्स को विशेष विमान से दिल्ली भेजा गया। प्रदेश के 70 विधायकों में से 67 विधायकों ने राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया। कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास और कांग्रेस के विधायक तिलक राज बेहड़ बीमार होने के कारण वोट डालने विधानसभा नहीं पहुंच पाये। बदरीनाथ विधानसभा से कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी ने भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान नहीं किया। सुबह मतदान शुरू होते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपना वोट डाला। वोट डालने के बाद सीएम धामी ने कहा उत्तराखंड से एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की बड़ी जीत हो रही है और वोटिंग महज औपचारिकता है।
देर शाम विशेष विमान से बैलेट बॉक्स दिल्ली भेजे दिए गए हैं। संसद और देश की विधानसभाओं में कुल 99.18 प्रतिशत जनप्रतिनिधियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। अब सबकी निगाहें 21 जुलाई पर टिकी हैं, जब नये राष्ट्रपति का ऐलान किया जाएगा। वही, उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के वरिष्ठतम सदस्य पूर्व मंत्री बंशीधर भगत राष्ट्रपति चुनाव के मतदान के लिए पारंपरिक वेशभूषा में विधानसभा भवन पहुंचे थे। मतदान के बाद पत्रकारों से बातचीत में भगत ने कहा कि वर्ष 1991 से अब तक यह छठवां अवसर है, जब उन्होंने राष्टपति चुनाव के लिए मताधिकार का प्रयोग किया है। धोती-कुर्ता, गले में पटका और सिर पर पहाड़ी ब्रह़्कमल टोपी धारण कर विधानसभा भवन में मतदान को पहुंचे विधायक भगत ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।
पत्रकारों से बात करते हुए वरिष्ठतम सदस्य पूर्व मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की भारी मतों से विजय तय है। वही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पक्ष में मतदान किया है। उहोंने कहा कि देश के लिए सिन्हा का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार वरिष्ठ कांग्रेस नेता मार्गेट अल्वा को भी योग्य उम्मीदवार बताया और कहा कि अल्वा का बड़ा राजनीतिक जीवन रहा है। विभिन्न पदों पर रहते हुए अल्वा ने देश की सेवा की है।उत्तराखंड की राज्यपाल रहते हुए उनके द्वारा यहां के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई गई।