विधानसभा बैकडोर भर्तियों को लेकर प्रियंका का उत्तराखंड सरकार पर तीखा प्रहार, उठाए कई सवाल

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Uttarakhand Congress: विधानसभा में बैकडोर भर्तियों पर कांग्रेस पूरी तरह से आक्रामक रुख अपनाई हुई है। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी विधानसभा भर्तियों को भ्रष्टाचार की श्रेणी में रख दिया है। विधानसभा सहित तमाम भर्तियों के विवाद में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भाजपा सरकार पर हमला बोला है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर हुए भर्ती घोटालों ने होनहार युवाओं को निराश किया है। उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ, राज्य के अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और भ्रष्टाचार सामने आया है। वहीं, दूसरी ओर विधानसभा में हुई भर्तियों में भी भारी घोटाला सामने आया है। इसमें तमाम नेताओं के रिश्तेदारों और संबंधियों को बड़ी संख्या में पद बांटे गए।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि इन घोटालों की जांच में नेता, पुलिसकर्मी, सचिवालय के कर्मचारी, आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मचारी, कुछ युवा, कोर्ट के कर्मचारी और कोचिंग सेंटर से जुड़े लोगों की संलिप्तता सामने आई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड में भर्ती घोटालों का कितना विशाल रैकेट चल रहा है। प्रियंका के हमले के बाद कांग्रेस विस की भर्तियों को लेकर और भी मुखर हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने फिर दोहराया कि जिन लोगों ने नैतिकता का ताक पर रखते हुए अपने नाते-रिश्तेदारों को नौकरियां दिलाई हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

एनएसईआईटी कंपनी के माध्यम से मध्य प्रदेश में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने कृषि विस्तार अधिकारी, नर्सिंग और ग्रुप दो की सहायक संप्रेक्षक समेत 10 परीक्षाएं ऑनलाइन कराई थीं। ये परीक्षाएं जनवरी से फरवरी 2021 के बीच कराई गई थीं। इन पर सवाल उठे तो मध्य प्रदेश सरकार ने जांच कराई। साइबर पुलिस ने जांच के दौरान कृषि विस्तार अधिकारी, नर्सिंग और ग्रुप दो की सहायक संप्रेक्षक की परीक्षा में धांधली पाई। इसके बाद इन परीक्षाओं को रद्द कर कंपनी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया। एसटीएफ के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, यह बात जांच में सामने आ चुकी है।

प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान ने विधानसभा अध्यक्ष को नियुक्तियों करने का अधिकार दिया है, लेकिन उस आर्टिकल 187 से कहीं पहले प्रत्येक देशवासी को समानता का अधिकार भी दिया गया है। यहां देखने में आ रहा है कि लोगों ने अपने रिश्ते-नातेदार, परिचितों की नौकरियां लगवा दी। संविधान की भावना के अनुसार सभी को रोजगार के लिए समानता का अधिकार नहीं दिया।