माणा में 12 साल बाद पुष्कर कुंभ 2025 का आयोजन, श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

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चमोली के सीमांत गांव माणा में स्थित केशव प्रयाग में 12 वर्षों बाद विधि विधान के साथ पुष्कर कुंभ का आयोजन शुरु हो गया है। Mana Village Devotees Holy Bath जिसे लेकर बदरीनाथ धाम के साथ ही माणा गाँव में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों की आवाजाही बढ़ गई है। पुष्कर कुंभ के आयोजन को लेकर जिला और पुलिस प्रशासन की ओर से तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बृहस्पतिवार को दस हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने अलकनंदा और सरस्वती नदी के संगम पर आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने अपने पितरों का पिंडदान कर उनके मोक्ष की कामना की। पुष्कर कुंभ में शामिल होने के लिए दक्षिण भारत के श्रद्धालु अधिक संख्या में पहुंचते हैं। सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालु केशव प्रयाग में स्नान के लिए जुटने लगे थे। श्रद्धालुओं ने स्नान करने के बाद सरस्वती मंदिर के दर्शन भी किए।

कुंभ के सुचारू संचालन के लिए जहां पैदल मार्ग पर पुलिस की तैनाती की गई है तो वहीं संगम तट पर एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती भी की गई है। उन्होंने बताया कि तहसील प्रशासन को पुष्कर कुंभ के आयोजन को लेकर व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि चमोली जिले के सीमांत गांव माणा में 12 सालों के बाद पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जा रहा है। धार्मिक परंपरा के अनुसार जब 12 सालों में बृहस्पति ग्रह मिथुन राशि में प्रवेश करता है तो माणा गांव स्थित अलकनंदा और सरस्वती नदियों संगम पर स्थित केशव प्रयाग में पुष्कर कुंभ का आयोजन किया जाता है।