उत्तराखंड को आगामी तीन दिनों तक बारिश से कोई राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। मौसम विभाग ने आगामी 9 जुलाई तक प्रदेश भर में भारी बारिश की आशंका जताई है। बारिश को लेकर मौसम विभाग ने ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। Uttarakhand Monsoon Season प्रदेश के कई इलाकों में बारिश के कारण आपदा जैसे हालात बने हुए हैं। बीते चार दिनों की बात की जाए तो बारिश के कारण 133 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, और 33 मवेशियों की मौत भी हुई है। इसके अलावा इस मानसून सीजन में अभी तक 21 लोगों की आपदा की वजह से मौत हुई और 9 लापता हैं। बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे पर भी जगह-जगह बोल्डर व मलबा गिर रहा है, जिस कारण चारधाम यात्रियों को भी परेशानियां हो रही हैं। केदारनाथ हाईवे के मुनकटिया में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर आने से मार्ग बंद हो गया था। इससे केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग में ही रोका गया. कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग को पैदल यात्रियों और शटल के लिए खोला गया। वहीं बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में बंद पड़ा था। इसे भी युद्ध स्तर पर काम करके खोला गया है।
मौसम विभाग के भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी को देखते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर चमोली जनपद के सरकारी, अर्द्धसरकारी विद्यालयों में आज अवकाश घोषित कर दिया गया है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि पिटकुल की 66 केवी की विद्युत लाइन में फाल्ट आने से ज्योतिर्मठ क्षेत्र में विद्युत सप्लाई बाधित है। प्रदेश में बारिश के बाद जगह-जगह मलबा आने से दो राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 50 सड़कें बंद हो गई हैं। इससे स्थानीय लोगों के साथ ही चारधाम आने वाले तीर्थयात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा 1 जुलाई से 4 जुलाई के बीच 133 मकानों को क्षति पहुंची है, जिसमें से 2 मकान पूरी तरह, 8 मकानों का अधिकांश हिस्सा और 123 मकानों का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। यही नहीं, इन चार दिनों में 16 बड़े और 17 छोटे पशुओं की हानि भी हुई है। लोक निर्माण विभाग और स्थानीय प्रशासन की ओर से लगातार इन बाधित मार्गों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन भारी बारिश की वजह से पर्वतीय क्षेत्रों में हो रहे भूस्खलन के चलते लगातार सड़कें बाधित हो रही।