रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा मामले में गिरी पहली गाज, रजिस्ट्रार रामदत्त मिश्रा तत्काल प्रभाव से सस्पेंड

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देहरादून: बीते दिनों उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के रजिस्ट्रार कार्यालय में औचक निरीक्षण किया था। सीएम के छापे से वहां हड़कंप मच गया था। उस वक्त रिकॉर्ड रूम में गड़बड़ी की आशंका के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निरीक्षण किया था। धामी ने वहां पर मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों को भी फटकार लगाते हुए तत्काल प्रभाव से सुधार करने की बात कही थी। लेकिन निरीक्षण के बाद जो हकीकत सामने आई उसके बाद यह साफ हो गया कि रजिस्ट्रार कार्यालय में कुछ बड़ा खेल हो रहा है। लिहाजा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत 3 सदस्यीय एसआईटी का गठन करते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे।

इसी कड़ी में कार्रवाई करते हुए और तमाम अनियमितताओं को देखते हुए महानिरीक्षक निबंधन के द्वारा राजधानी देहरादून के रजिस्ट्रार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। शुरुआती जांच में हुए इस एक्शन में जो कहा गया है वह यह है कि अपने कर्तव्यों का रजिस्ट्रार ने अच्छे से निर्वहन नहीं किया और आदेशों की अवहेलना की गई है। रजिस्ट्रार रामदत्त मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश महा निरीक्षक प्रबंधन अतुल कुमार शर्मा ने जारी किए हैं। हालांकि आदेशों में ज्यादा कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह निलंबन किस वजह से हुआ है। लेकिन माना यही जा रहा है कि बीते दिनों गड़बड़ी की शिकायतों और फाइलों में हेरफेर को लेकर भी एक्शन हो सकता है।

आपको बता दें कि देहरादून में जमीनों के कागजों की हेराफेरी का मामला सामने आया था। सीधे मुख्यमंत्री को कई दिनों से इस बारे में शिकायतें मिल रही थीं। मुख्यमंत्री ने अपने निरीक्षण के बाद तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की थी। इसमें प्रशासनिक सेवा, पुलिस विभाग और निबंधन विभाग के अधिकारी शामिल किए गए थे। इसमें एसआईटी के अध्यक्ष आईएएस सुरेंद्र सिंह रावत और सदस्य डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर पी रेणुका देवी के साथ मुख्यालय स्टांप एवं निबंधन अतुल कुमार शर्मा को शामिल किया गया था। रजिस्ट्रार के निलंबन के बाद यह साफ हो गया है कि बड़े पैमाने पर रजिस्टार ऑफिस में कुछ ना कुछ गड़बड़ी जरूर हो रही थी।