देहरादून: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति रखने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी रामविलास यादव की पत्नी कुसुम यादव की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने फिलहाल उनको कोई राहत नहीं देते हुए सरकार से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई दो अगस्त को होगी।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई। कुसुम यादव ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पेश कर कहा है कि विजिलेंस उनको कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत दी जाए और वह विजिलेंस के सम्मुख अपना बयान दे सकें। सरकार की तरफ से कहा गया कि विजिलेंस कुसुम यादव को पूछताछ के लिए कई बार नोटिस दे चुकी है लेकिन अभी तक वह पेश नहीं हुई हैं। जबकि उनके पुत्र व पुत्री ने अपने बयान दर्ज करा दिए हैं।
पूर्व आईएएस रामबिलास यादव ने अपने बयान में विजिलेंस के सामने कहा था कि उनकी पत्नी ही सारे हिसाब-किताब रखती हैं। विजिलेंस ने 26 जून को उनको नोटिस देकर कहा था कि वे सभी दस्तावेजों के साथ पेश हों, परन्तु वे पेश नहीं हुईं। विजिलेंस को रामबिलास यादव के पास आय से 500 गुना अधिक संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं।