सीएम धामी का बड़ा एक्शन, अब वन दारोगा भर्ती में सामने आई धांधली, छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज

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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जीरो टॉलरेंस करप्शन की नीति और नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाई के निर्देश के क्रम में एक और बड़ी कार्रवाई हुई है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की एक और भर्ती विवादों में आ गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एसटीएफ ने स्नातक स्तर परीक्षा व वन रक्षक भर्ती के बाद एसटीएफ ने वन दारोगा की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा प्रकरण में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर दर्ज हुए इस इस मुकदमे की जांच डीजीपी ने एसटीएफ को सौंपी है। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज मुकदमे में छह लोगों को नामजद किया गया है।

इस मामले में एसटीएफ ने छह अभ्यर्थियों के खिलाफ मुकदमा करते हुए कुछ नकल माफिया को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। हैरानी की बात यह है कि दो आइपी एड्रेस से इन छह अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन पेपर दिया था। इसी भर्ती में भी परीक्षा करवाने वाली एजेंसी की संलिप्तता सामने आई है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से 316 पदों के लिए हुई यह परीक्षा 16 सितंबर से 25 सितंबर तक 18 शिफ्टों में आयोजित की गई थी। परीक्षा मैमर्स एनएसईआईटी लिमिटेड एजेंसी के माध्यम से विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी।

मुख्यमंत्री ने लगातार जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति से कोई समझौता न करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में यदि कोई अनियमितता है, तो इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। प्रदेश के ईमानदार और परिश्रमी युवाओं के साथ सरकार अन्याय नहीं होने देगी। इस परीक्षा को कराने वाली एजेंसी मैमर्स एनएसईआईटी लिमिटेड की संलिप्तता होने के साक्ष्य प्राथमिक जांच से प्रकाश में आए है। बताया कि कुछ प्राइवेट इंस्टीट्यूट जहां पर परीक्षाएं आयोजित हुई,उनको भी चिन्हित कर लिया गया है। बताया कि ऑनलाइन नकल माफिया गैंग में हरिद्वार देहात,पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लोग शामिल पाए जाने के संकेत मिले है।

वन दरोगा की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में जिन आठ अभ्यर्थियों को संदिग्ध मानकर जांच की गई थी, उनमें से छह ने एक ही केंद्र पर परीक्षा दी थी। इनमें से चार को अलग-अलग तिथियों में एक ही आईपी दी गई जबकि दो को एक जैसी। पता चला कि ऑनलाइन उत्तर क्लिक करते समय सभी ने एक जैसा एग्जामिनेशन लॉग (एक समय में समान प्रश्न का उत्तर) किया था। आठ अभ्यर्थियों में से छह अभ्यर्थी स्वामी दर्शनानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नालॉजी परीक्षा केंद्र से हैं, जिनमें से चार अभ्यर्थियों को विभिन्न तिथियों को दो आइपी आवंटित किए गए। इन अभ्यर्थियों ने एक समान उत्तर भी दिए। ऐसे इन अभ्यर्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।