चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षित यात्रा के लिए सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं का खाका तैयार कर लिया है। अबकी केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री यात्रा मार्गों पर 395 डॉक्टरों को तैनात किया जाएगा। केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर 22 मेडिकल रिलीफ प्वाइंट बनाए जाएंगे। प्राथमिक उपचार के साथ 28 तरह की जांच सुविधा उपलब्ध होगी। प्रदेश के चारो धाम समुद्र तल से लगभग 2,700 मीटर से अधिक ऊंचाई पर उच्च हिमालय क्षेत्रों में स्थित हैं। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को ठंड, कम आर्द्रता, वायुदाब व ऑक्सीजन की कमी के कारण स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बीते वर्ष चारधाम यात्रा के दौरान 350 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। इसमें 90 प्रतिशत मौत हार्ट अटैक के कारण हुई थी। यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए इस बार सरकार का स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष फोकस है। स्वास्थ्य विभाग ने चारधाम यात्रा के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए प्लान बना लिया है। 22 अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा में इस बार पैदल मार्गों पर प्रत्येक एक किमी. पर मेडिकल रिलीफ प्वाइंट बनाए जाएंगे। जहां पर प्वाइंट आफ केयर डिवाइस (पीओसीडी) के माध्यम से 28 तरह की जांचें की जाएगी।
चारधाम यात्रा के लिए उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग जिलों ने 24 विशेषज्ञ डॉक्टरों, 22 चिकित्साधिकारी, 10 महिला चिकित्साधिकारी, 32 फार्मासिस्ट, 38 पुरुष व महिला स्टाफ नर्स की मांग है। इसके आधार पर रोस्टर पर डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया जाएगा।मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा में 50 लाख से अधिक श्रद्धालु आने की उम्मीद है। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर किसी तरह की दिक्कतें नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए सरकार प्लान बना रही है। मेडिकल रिलीफ प्वाइंट पर प्राथमिक उपचार के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध होगी।