हरिद्वार: नगर निगम हरिद्वार की बोर्ड बैठक जबरदस्त हंगामे की भेंट चढ़ गई। बैठक शुरू होते ही भाजपा पार्षदों ने मेयर के प्रतिनिधि एवं पति अशोक शर्मा पर नगर निगम के कार्यों में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मेयर के समर्थन में आए कांग्रेसी पार्षदों के साथ जमकर नोंकझोंक हुई। हंगामे की सूचना पर पुलिस पहुंची और बमुश्किल पार्षदों को शांत कराया। संसद सत्र चलने के कारण बोर्ड बैठक स्थगित हो गई और अब 24 दिसंबर को होगी।
पार्षद मेयर अनीता शर्मा से बार-बार यही पूछ रहे थे कि मेयर वो हैं या उनके पति अशोक शर्मा। भाजपा के पार्षदों ने मेयर पति अशोक शर्मा पर नगर निगम के विकास कार्यों में अड़ंगा डालने और बोर्ड को ना चलने देने के आरोप भी लगाए हैं। आरोपों के बीच कांग्रेसी पार्षद राजीव भार्गव, उदयवीर चौहान, इसरार अहमद, रियाज अंसारी, जफर अब्बासी, कैलाश भट्ट मेयर के समर्थन में आ गए। उन्होंने भाजपा नेताओं पर रिमोट से चलने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद दोनों दलों के पार्षदों के बीच नोंकझोंक और तू-तू, मैं-मैं होने लगी।
भाजपा पार्षदों ने जब मेयर अनीता शर्मा और उनके पति अशोक शर्मा पर आरोप लगाए तो मेयर ने भी पार्षदों को स्पष्ट शब्दों में जवाब दिए। मेयर ने कहा कि बोर्ड की प्रोसीडिंग बैठक के बाद निगम कार्यालय में ही होती है। कोई अपने घर नहीं लेकर जाता है। किसी भी प्रोसीडिंग में छेड़छाड़ नहीं हुई है। जिस जमीन को प्रेम प्रकाश आश्रम को देने का प्रस्ताव था, उसका मामला पहले से ही न्यायालय में चल रहा है। ऐसे में प्रस्ताव कैसे पास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेरे पति या फिर किसी कांग्रेसी पार्षद ने कोई जमीन अपने नाम तो नहीं कराई है। विरोध करने वाले भाजपा पार्षद कितने खरे हैं ये सब जानते हैं। मैं कांग्रेस से मेयर हूं, इसलिए हमें दबाने की कोशिश की जाती है। लेकिन हम दबेंगे नहीं।