उत्तराखंड के सीमांत जनपद उत्तरकाशी की भटवादी ब्लॉक के लौंथरु गांव की सविता कंसवाल ने 24 वर्ष की आयु में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट (8848.86 मीटर) का सफल आरोहण किया है। माउंट एवरेस्ट के बाद 15 दिन के अंदर माउंट मकालू पर्वत पर सफल आरोहण किया है। उनकी सफलता से क्षेत्र में खुशी की लहर है। कहते है न कुछ करने का जज्बा हो और हौसलों में उड़ान हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। इस बात को सिद्ध कर दिखाया है।
सविता कंसवाल ने 12 मई को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट 8848.86 मीटर पर तिरंगा फहराया था। इसके बाद उनके कदम यहीं नहीं रुके। उन्होंने माउंट मकालू 8463 मीटर पर आरोहण किया। 15 दिन के अंदर दोनों पर्वतों पर आरोहण कर उन्होंने नया नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया। 24 वर्षीय सविता का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है। सरकारी स्कूल से पढ़ीं सविता ने 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स किया।
सविता अभी तक माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) नेपाल , ल्होत्से (8516 मीटर) : नेपाल, त्रिशूल (7120 मीटर) : उत्तराखंड, हनुमान टिब्बा (5930 मीटर) : हिमाचल प्रदेश, कोलाहाई (5400 मीटर) : जम्मू-कश्मीर, द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) (5680 मीटर) : उत्तराखंड, तुलियान (5500 मीटर) : जम्मू-कश्मीर, लाबूचे (6119 मीटर) : नेपाल, चंद्रभागा (6078 मीटर) : हिमाचल प्रदेश आदि चोटियों को छू आई है। वह माउंट ल्होत्से पर तिरंगा लहराने वाली भारत की दूसरी महिला पर्वतारोही है। उनकी इस कामयाबी से न सिर्फ उनके परिवार बल्कि प्रदेश में भी खुशी की लहर है। हर कोई सविता पर गर्व कर रहा है।