हरिद्वार: बैरागी कैंप क्षेत्र में SDM ने मारा छापा, गड्ढे में मिलीं सरकारी दवाइयां..जांच के आदेश

Share

हरिद्वार में सरकारी दवाइयां गड्ढे में मिलने से हड़कंप मच गया। शिकायत मिली तो जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम ने जेसीबी से गड्ढा खोदवाकर दवाएं बरामद की। बरामद दवाएं एक्सपायरी और नॉन एक्सपायरी हैं। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को जांच कर मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए। जानकारी के मुताबिक स्थानीय लोगों ने बड़ी मात्रा में दवाओं को जमीन में दबाने की सूचना प्रशासन को दी। सूचना पाकर प्रशासन और विभागीय अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच में जुट गए। जल्दबाजी में दबाई गई दवाओं के कुछ पत्ते आसपास फैले दिखाई दिए, जो एक्सपायर भी नहीं थे।

बता दें, सोमवार की शाम बैरागी कैंप क्षेत्र में जेसीबी से गड्ढा खोदकर किसी ने सरकारी सप्लाई की दवाओं को दबा दिया। मंगलवार को गड्ढे में दबी और बाहर पड़ी कुछ दवाओं को देखकर किसी ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय से फोन पर की। डीएम ने एसडीएम पूरण सिंह राणा को तत्काल मौके पर जाकर कार्रवाई के निर्देश दिए। एसडीएम ने ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती के साथ गड्ढा खोदवाया तो उसमें दवाओं की पूरी खेप मिली। ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती ने बताया कि आधी दवाएं तो एक्सपायर हो चुकी हैं, लेकिन कुछ दवाओं की एक्सपायरी अभी पांच से सात महीने बाकी है। बताया कि सभी दवाएं सरकारी आपूर्ति की हैं।

गड्ढे में दबाई गई दवाओं में सिरप, कैप्सूल, टैबलेट आदि मिली हैं। इनमें अधिकांश विटामिन, जिंक और एंटीबाइटिक दवाएं हैं, जिनकी कीमत ढाई लाख रुपये आंकी गई है। बताया जा रहा है कि ये दवाएं कोरोनाकाल में खरीदी गई थीं, लेकिन उपयोग में नही लाई गईं। इन्हें ठिकाने लगाने के लिए गड्ढे में दबा दिया गया। दवाओं को गड्ढे में दबाने की आखिर किसकी क्या मंश रही होगी, इस पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग हर पहलू से जांच में जुट गया है। इसका पता लगाया जाएगा कि दवाएं वहां किसने और क्यों दबाई? गौरतलब है कि 2010 में भी रुड़की सिविल अस्पताल के नाले में लाखों रुपए की दवाएं मिली थी।