चमोली जिले में आपदा का दंश झेल रहे जोशीमठ के आपदा प्रभावितों के स्थायी विस्थापन और भूमि व भवन के मुआवजे के संबंध में पुनर्वास नीति पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इस कड़ी में भवन मुआवजे की दरें तय कर दी गई हैं। मुआवजा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की दरों में लागत सूचकांक (कोस्ट इंडेक्स) जोड़कर दिया जाएगा। व्यावसायिक भवनों का मुआवजा स्लैब बनाकर केदारनाथ की तर्ज पर दिया जाएगा। इसके अलावा स्थायी पुनर्वास के लिए तीन विकल्प दिए गए हैं। भूमि का मुआवजा तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट आने के बाद तय किया जाएगा। जिसे मंजूरी के लिए कैबिनेट की अगली बैठक में रखा जाएगा।
सचिव डॉ.एसएस संधु ने बताया कि जोशीमठ में आपदा प्रभावितों की भूमि, भवनों के मुआवजे और स्थायी विस्थापन नीति के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद भवनों के मुआवजे की दरों को स्वीकृति प्रदान की गई है। दोनों ही मामलों में भवन मुआवजे को तीन-तीन विकल्प रखे गए हैं, जिन प्रभावित परिवारों के पास भूमि व भवन के स्वामित्व के वैध अभिलेख नहीं हैं, उन्हें भी पानी, बिजली, जलकर, सीवर कर आदि के बिल व शपथ पत्र के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। किराये पर रहने वाले उन व्यक्तियों को रोजगार के लिए दो लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी, जिनकी दुकान व व्यावसायिक प्रतिष्ठान की भूमि एवं भवन असुरक्षित होने से रोजगार प्रभावित हुआ है। भूमि के मुआवजे की दरें जोशीमठ में जांच कार्य में जुटे तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट मिलने के बाद निर्धारित की जाएगी।