Gaurikund landslide Update: रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड भूस्खलन हादसे में लापता 20 लोगों का पांच दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएएएफ, डीडीआरएफ, वाईएमएफ, पुलिस और होमगार्ड के जवान खाई से लेकर नदी में बिखरे मलबे की एक-एक चीज को खंगाल रहे हैं। अभी तक कुछ भी ऐसा नहीं मिला है, जिससे किसी लापता के बारे में जानकारी मिल सके। वहीं, मलबे में पड़े सीमेंट के टूटे स्लैब और उस पर बाहरी निकली सरिया, टिन की चादरें और अन्य वस्तुओं से रेस्क्यू में जुटे जवानों के घायल होने का खतरा भी बना हुआ है। दिन से घटनास्थल से लेकर आसपास के क्षेत्र मेें रेस्क्यू किया जा रहा है। दुकानों का मलबा खाई से लेकर मंदाकिनी नदी के किनारे तक फैला हुआ है। इस मलबे में सिमेंट के टूटे स्लैब है, जिन पर सरिया बाहर निकली हैं। लोहे के टूटे एंगल, टिन की चादर भी हैं, जो रेस्क्यू में बाधा डाल रही हैं। साथ ही इस मलबे से जवानों के लिए खतरा बना हुआ है।
यहां सर्च ऑपरेशन के लिए आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। रेस्क्यू टीमें हाइड्रा मशीन के जरिये यहां लगातार काम कर रही हैं। गौरीकुंड में ये टीमें हाइड्रा से क्रेन के सहारे नदी किनारे मलबे में लापता लोगों की खोजबीन हो रही हैं। बता दें यह पहला मौका है जब किसी रेस्क्यू में हाइड्रा मशीन का उपयोग हो रहा है। गौरीकुंड भूस्खलन में लापता और मृत व्यक्तियों की संख्या 23 हो गई है। स्थानीय व्यक्तियों द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर लापता व्यक्तियों का विवरण निम्नवत है, जिसमें नेपाल मूल के 17, रुद्रप्रयाग के 4, अन्य राज्य के 2 कुल संख्या 23 है। जिसमें तीन लोगों के शव बरामद कर लिये गये हैं। मृतकों के परिजनों ने शवों की शिनाख्त की है। जिसके अनुसार तीनों व्यक्ति नेपाल मूल के हैं। जिनमें देवी बहादुर, टेक बहादुर व प्रकाश टम्टा शामिल हैं। 20 लोग अभी भी लापता हैं।