रुद्रप्रयाग जनपद के बसुकेदार क्षेत्र अंतर्गत छेनागाड़ इलाके में 28 अगस्त की रात को भीषण आपदा आई थी। उसके बाद से जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन एजेंसियों और विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। Rudraprayag Chhenagarh Disaster आपदा के कारण कई स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है, जिसके चलते सड़क मार्ग टूट गए हैं। संचार संपर्क बाधित हुआ है और 9 लोग लापता हुए हैं। बांसवाड़ा-बसुकेदार-छेनागाड़ मोटर मार्ग को दुरुस्त करने में जुटा हुआ है।लोनिवि प्रभावित गांवों में अब भी प्रभावित राहत शिविरों में जीवन काट रहे है। पौकलैंड और जेसीबी से जमा मलबा को साफ किया गया। मलबे में रसोई गैस सिलिंडर और अन्य कई सामग्री मिल रही हैं। वहीं, उछोला और भौर गांव के लापता दो लोगों का परिजनों के द्वारा कर्मकांड किया जा रहा है। परिजनों ने अब उनके मिलने की उम्मीद छोड़ दी है, अब सिर्फ मृत शरीर मिलने का इंतजार हो रहा है।
जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ और खोजी कुत्तों की मदद ली है। मलबे को साफ करने के बाद लापता लोगों की खोजबीन की जा रही है। एनडीआरएफ कमांडेंट सुदेश कुमार के कुशल निर्देशन और सहायक कमांडेंट सुनील कुमार के नेतृत्व में सब इंस्पेक्टर संजय भट्ट इस अभियान को अंजाम दे रहे हैं। इस आपदा में कई घर और अन्य ढांचे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बचाव दल राहत कार्यों में जुटे हुए हैं और लापता लोगों की तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि खोज अभियान के दौरान टीम ने मलबे को हटाकर और खोजी कुत्तों की मदद से लापता लोगों की तलाश की। वहीं, एनडीआरएफ की टीम ने अपने प्रयासों में जीवन का पता लगाने वाले उपकरणों और स्निफर डॉग्स का उपयोग किया है, जो मलबे में दबे हुए लोगों का पता लगाने में मदद करते हैं। हालांकि, अभी तक कोई नया सुराग नहीं मिला है, लेकिन खोज अभियान जारी है।