Secret politics in Uttarakhand! | Uttarakhand News | Panchayat Election | BJP | Karan Mahara

Share

उत्तराखंड हाईकोर्ट की सख्ती के बाद भी गपचुप जीत गया बीजेपी उम्मीदवार! काउंटिंग से आयोग क्यों भागा? ये वो सवाल है जो उत्तराखंड की सियासत तैर रह है और जनता पूछ रही है क्या ऐसा भी होता है बल। Nainital Panchayat Election Bawal पूरी खबर बताउंगा आपको आप से गुजारिश ये है कि आप अंत तक मेरे साथ दोस्तो बने। दोस्तो हाल के सपन्न हुए उत्तराखंड पंचायत ने बहुत को देखने को मिला प्रदेश में सियासी होह्लाले और हंगामे पर नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव पर सख्त हुआ हाईकोर्ट, अधिकारियों की मंशा पर उठाये सवाल लेकिन दोस्तो ऐसा रातो रात क्या हो गया कि वोटों की गिनती भी कर दी गई। कोर्ट की बात को भी दरकिनार कर दिया गया। खबर ये निकल कर आई की रात को बीजेपी का उम्मीदवार जीत गया पूरा खेल बताउंगा आपको आप बस अंत तक मेरे साथ जुडे रहें। जिला पंचायत नैनीताल के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव में 5 सदस्यों का अपहरण किये जाने के बाद हाईकोर्ट पहुंचे कांग्रेस के प्रार्थना पत्र हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया है। इन सदस्यों के मिलने के बाद नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिये अब नई तिथि में मतदान होगा। ये बात कोर्ट ने साफ तर पर कह दी लेकिन देखिए कि कैसे यहां खेला हो गाया। नैनीताल जिले के गुम हुए 5 सदस्य शाम तक बरामद नहीं हो पाए जिस पर जिलाधिकारी वन्दना ने कोर्ट के समक्ष नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष का दोबारा चुनाव करने की संस्तुति चुनाव आयोग को भेजने का सुझाव दिया जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।

हाईकोर्ट ने मतदान स्थल के निकट से जिला पंचायत सदस्यों के अपहृत होने की शिकायत तल्लीताल थाने में दर्ज न होने पर गम्भीर रुख अपनाते हुए थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही के संकेत दिया। दोस्तो ये बातच गुरुवार की है मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक महरा की खण्डपीठ में हुई। दोपहर के समय हुई सुनवाई में दस जिला पंचायत सदस्य,नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य,विधायक सुमित हृदयेश,पूर्व विधायक संजीव आर्य भी कोर्ट में मौजूद थे. कोर्ट में मौजूद दस सदस्यों को हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त सुरक्षा अधिकारी की निगरानी में मतदान केंद्र ले जाकर मतदान करवाया। साथ ही दोस्तो सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि गुम हुए सदस्यों ने शपथ पत्र दिया है कि उनका जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से कोई वास्ता नहीं है। जबकि पुष्पा नेगी के वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने कोर्ट को बताया कि जिस शपथ पत्र को पूर्व दिए जाने की बात की जा रही है उन शपथ पत्रों का स्टाम्प 14 अगस्त को 2.30 बजे खरीदे गए हैं। जिसका कोर्ट ने संज्ञान लिया है। कोर्ट में शाम को हुई सुनवाई के दौरान जबरन उठाये गए जिला पंचायत सदस्यों के परिजन भी मौजूद थे। जिनके बयान भी हाईकोर्ट में दर्ज हुए हैं. उन्होंने अपने परिजनों का पता लगाने की अपील की है। एक सदस्य के परिजन ने कोर्ट के समक्ष उन लोगों के नाम भी बताए जिन्होंने 5 सदस्यों को बलपूर्वक उठाया। जिनमें भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, आनन्द सिंह दर्मवाल, चतुर बोरा,शंकर सिंह कोरंगा के नाम मुख्यतः शामिल हैं।

शाम साढ़े चार बजे मामला पुनः सुनवाई के लिये पेश हुये तब कोर्ट में वीसी के जरिये पेश हुए जिलाधिकारी व एसएसपी ने बताया कि उक्त 5 सदस्य नहीं मिले हैं। जिस पर कोर्ट ने दोनों अधिकारियों की मंशा पर गम्भीर सवाल उठाए। इस दौरान जिलाधिकारी ने कोर्ट के समक्ष सुझाव दिया कि उक्त सदस्यों के न मिलने की स्थिति में नई तिथि में नए सिरे से मतदान किया जाएगा। इस सम्बंध में वे रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजेगी जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 18 अगस्त को होगी। दोस्तो आपको याद होगा आपने मेरे पिछले वाले वीडियो देखेंगे तो मेने कहा था। दोस्तो जिस तरह से चुनाव के बाद मतगडना धाधली के आरोप लगे। मैने बोला था की ऐसे मसले में दोबारा मतगणना होगी ऐसा ही कोर्ट ने कहा १८ अगस्त की तारीख तय तक कर दी गई लेकिन असली खेल तो अब शुरू होता है। आप देखिएगा कैसे रात के तीन बजे ये खबर निकल कर आती है कि साहब मतगणना हो गई और फंला पार्टी का उम्मीद जीत गाय है लेकिन अभी नहीं बताएंगे बताएंगे १८ तारीख को। उस तारीख को जिस तारीख को कोर्ट ने सुनवाई तय की है अब ऐसा क्या हुआ होगा बल की आधी रात को मतगणना हो गई और जब साहब मतगणना हो ही गई तो फिर उम्दवार का नाम भी बता दो।

15 अगस्त के तड़के तीन बजे हुई वोटों की गिनती हो गई। कड़ी सुरक्षा और कई कैमरों से हुई वीडियोग्राफी के बीच हुई वोटों की गिनती। 22 जिला पंचायत सदस्यों द्वारा किए गए वोटों की हुई गिनत। राज्य निर्वाचन आयोग से मिले निर्देशों के मुताबिक जिला निर्वाचन अधिकारी ने लिया वोटों की गिनती का फैसला। निर्वाचन नियमावली में री-पोलिंग के नियम ना होने के चलते हुई काउंटिंग। नियमों के मुताबिक केवल बूथ कैप्चरिंग, तकनीकी खामी या वोटों से बंद बैलेट बॉक्स को हुए नुकसान की स्थिति में ही की जा सकती है री-पोलिंग। वोटों की गिनती कर निर्वाचन आयोग ने लिफाफे में बंद किया चुनाव नतीजा। 18 अगस्त को सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग HC में पेश करेगा बंद लिफाफा हाईकोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगा जीत-हार का अंतिम निर्णय। दोस्तो गुरुवार को पोलिंग बूथ के बाहर हुए विवाद के बाद कांग्रेस ने लगाई थी HC में याचिक। सूत्रों के मुताबिक जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बीजेपी की दीपा दर्मवाल को मिली है जी एक वोट एक अंतर से तय हुई है दीपा की जीत बीजेपी जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रत्याशी बहादुर नगदली और कांग्रेस की देवकी बिष्ट को बराबर वोट मिलने के बाद हुई लॉटरी। लॉटरी सिस्टम से हुई देवकी बिष्ट जीतइस प्रक्रिया के खिलाफ फिर HC का दरवाजा खटखाएगी कांग्रेस। आगे क्या होगा बल कोर्ट क्या सुनवाई करेगा आगामी १८ तारीक को ये देखना होगा।