मंत्री महाराज के फर्जी हस्ताक्षर मामले में जांच के विरोध में उतरा सचिवालय संघ, दीपक जोशी ने दी चेतावनी

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Dehradun: लोक निर्माण विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर विभागीय चयन की पत्रावली में लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज के कार्यालय से उनकी डीएससी से उनके निजी सचिव आईपी सिंह द्वारा बिना मंत्री की अनुमति के पत्रावली अनुमोदित करा लिए जाने के आरोपों पर संबंधित निजी सचिव के विरुद्ध मंत्री के पीआरओ के स्तर से की गई एफआईआर का शुक्रवार को सचिवालय संघ द्वारा प्रबल विरोध किया गया।

सचिवालय संघ के अध्यक्ष व महासचिव की ओर से स्पष्ट किया गया कि इस प्रकरण में जब मंत्री के अनुरोध पर सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में कोई तथ्य न पाते हुए संबंधित निजी सचिव को दोषमुक्त किया जा चुका है तथा पुनः पीडब्ल्यूडी मंत्री के अनुरोध पर 3 सदस्यीय समिति की जांच अभी विचाराधीन है जिसका परिणाम आना शेष है। इससे पहले ही एफआईआर दर्ज कर दिया जाना सीधे-सीधे कर्मचारी के उत्पीड़न का मामला है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

इस उत्पीड़न की कार्रवाई हेतू अपर निजी सचिव-निजी सचिव संघ के अध्यक्ष व महासचिव द्वारा संपूर्ण तथ्य सचिवालय संघ के अध्यक्ष के संज्ञान में लाए जाने के बाद आरटीआई के माध्यम से ली गई समस्त सूचनाओं का अध्ययन सचिवालय संघ द्वारा किया जा रहा है। इससे स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है कि सचिवालय सेवा के कार्मिक को अनावश्यक रूप से टारगेट करते हुए इस तरह के उत्पीड़न की कार्रवाई की जा रही है जिस पर सचिवालय संघ के सभी सदस्यों में रोष व्याप्त है। इस तरह की घटनाओं से भविष्य में सचिवालय सेवा का कोई भी निजी सचिव अथवा अन्य कार्मिक ममंत्रियों के निजी स्टाफ में कार्य करने में अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाएगा।

प्रकरण में सचिवालय संघ के अध्यक्ष द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जब अभी मंत्री के अनुरोध पर पुनः गठित तीन सदस्यीय जांच समिति अपनी जांच कर रही है तथा उसकी जांच रिपोर्ट आनी अवशेष है, उससे पूर्व ही एफआईआर करने जैसा कदम उठाया जाना उचित एवं व्यवहारिक नहीं है। यह अपने ही सिस्टम पर अविश्वास करने जैसा है। जबकि विभागीय मंत्री का अपना एक प्रोटोकॉल है तथा पूरा सिस्टम मंत्री के अधीन ही कार्य करता है सचिवालय संघ अपने कार्मिक सदस्य के सेवा हितों के संरक्षण हेतु इस एफआईआर को तत्काल वापस लिए जाने का अनुरोध पीडब्ल्यूडी मंत्री से करता है तथा इस उत्पीड़न की कार्रवाई को रोके जाने का विनम्र अनुरोध करता है।