जी हां दोस्तो अपनी देवभूमि उत्तराखंड में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है, पहले नस्लीय टिप्पणियाँ की गईं, फिर भीड़ का गुस्सा हिंसा में बदल गया। बीच सड़क हुआ हमला और देखते ही देखते एक ज़िंदगी चली गई, इस कथित लिंचिंग की घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। अब सवाल यही है—देवभूमि में कानून का डर आखिर क्यों खत्म होता जा रहा है? पूरी खबर बताउंगा आपको अपनी इस रिपोर्ट के जरिए। दोस्तो शिक्षा का हब कहा जाने वाला देहरादून जिला अब अपराधों का हब बनता जा रहा है, जहां पर हत्या लूटपाट होना आम बात हो गई है। ऐसी ही एक हैरान और परेशान करने वाली खबर देहरादून से सामने आई जहां पर त्रिपुरा के छात्र की कुछ युवकों ने चाकू गोदकर ह्त्या कर दी। घटना के बाद से मृतक के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है वहीं पूरे क्षेत्र मे आक्रोश फैलाता हुआ दिखाई दे रहा है। अपने प्रदेश में ये हो क्या रहा है, पुलिसिया इकबाल क्यों खतरे में दिखता है। दगड़ियो मूल रूप से त्रिपुरा के नंदा नगर गैस गोदाम का निवासी एंजेल चकमा और उसका छोटा भाई माइकल चकमा वर्तमान में राजधानी देहरादून के विकासनगर में रह रहे थे। दरअसल बीते, 9 दिसंबर को एंजेल अपने भाई के साथ सेलाकुई मार्केट में कुछ सामान खरीदने के लिए गया था। तभी कुछ अज्ञात युवक उन पर चाइनीज, चिंकी और मोमोज जैसी नस्लीय टिप्पणी करने की, जब एंजेल और माइकल ने उनका विरोध किया तो अज्ञात युवको ने उनके साथ गाली गलौज शुरू कर दी। इतना ही नहीं बल्कि नशे में धुत्त अज्ञात युवकों ने एंजेल चकमा को जान से मारने की नीयत से पहले कड़े और फिर चाकुओं से उसकी गर्दन और पेट में कई हमला किए जिसके कारण एंजेल चकमा गंभीर रूप से घायल हो गया जबकि उसके भाई माइकल चकमा को भी सिर पर गम्भीर चोटे आई।
दोस्तो एंजेल चकमा गंभीर रूप से घायल हो गया था जिसे 9 दिसंबर को ही ग्राफिक एरा अस्पताल में एडमिट किया गया, जहां पर वह आईसीयू में जिंदगी और मौत के बीच की जंग लड़ता रहा। डॉक्टरों ने एंजेल को बचाने का पूरी कोशिस की, लेकिन एंजेल ने दम तोड़ दिया। दोस्तो एंजेल की मौत के बाद से उसके परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है वही युवक के गृह क्षेत्र समेत राजधानी देहरादून में लोगो मे भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। वहीं आपको ये भी बता दूं कि एंजेल चकमा उत्तराखंड में MBA फाइनल ईयर का छात्र था जो अपने छोटे भाई माइकल के साथ रहता था। माइकल भी यहां पढ़ाई करता है जो इस घटना के बाद से सहम हुआ है, एंजेल की हत्या के बाद उसके छोटे भाई माइकल ने पुलिस प्रशासन को तहरीर देते हुए अज्ञात युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जिसके तहत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि मुख्य आरोपी (नाबालिक) यज्ञ अवस्थी फरार है जिसके नेपाल भागने की सूचना है जिस पर ₹25000 का इनाम घोषित किया गया है दोस्तो देवभूमि में हुई ये घटना केवल एक अपराध नहीं, बल्कि समाज के लिए गंभीर चेतावनी बन गई है। नस्लीय सोच और भीड़ की हिंसा ने एक होनहार छात्र की जान ले ली, अब जिम्मेदारी कानून-व्यवस्था की है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि भविष्य में कोई भीड़ कानून अपने हाथ में लेने की हिम्मत न कर सके और देवभूमि अपनी पहचान इंसानियत और शांति की है, उसे बनाए रखना ही सब की जिम्मेदारी है।