उत्तराखंड में भारी बारिश से बिगड़े हालात, बदरी-केदारनाथ हाईवे बंद; सहमे लोग

उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है, जिससे जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। देर रात से पहाड़ों पर रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं।

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उत्तराखंड में आसमानी आफत का कहर जारी है। जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। देर रात से पहाड़ों पर रुक-रुक कर हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। Heavy rain in Uttarakhand हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा नदी का जल स्‍तर खतरे के निशान के करीब है। भारी बारिश से रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाईवे जगह-जगह बाधित हो गया है। जिस कारण केदारनाथ यात्रा फिलहाल थम गई है। सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच केदारनाथ हाईवे का एक बहुत बड़ा हिस्सा सोन नदी में समा गया है, जबकि इसी स्थान ठीक सामने नदी किनारे स्थित कुछ स्टोर रूम हवा में लटके हुए हैं। जो कभी भी नदी में समा सकते हैं। टिहरी घनसाली में मां-बेटी की मौत हो गई। तो वहीं केदारनाथ यात्रा मार्ग पर पहाड़ी से भूस्खलन की बेहद डरावनी तस्वीर सामने आई। नदियों के रौद्र रूप में कई मकान, भवन समा गए।

भारी बारिश के कारण जनपद टिहरी गढ़वाल के भिलंगना विकास खंड में भी गंभीर स्थिति है। जीयूपीएस भीगून और जीपीएस भीगून पर बादल फटने से जीयूपीएस पूरी तरह ध्वस्त हो गया है और जीपीएस परिसर मलबे से भर गया है। बीईओ भिलंगना ने बताया कि भारी बारिश के चलते भिलंगना ब्लॉक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। जिलाधिकारी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं और अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं। भारी बारिश के कारण 4 भैंस और 2 गाय के दबने की भी सूचना है। गंगोत्री धाम पर भागीरथी नदी का जल स्तर बढ़ने से नदी के तेज बहाव में शिवानन्द कुटीर आश्रम का गेट बह गया। इसके साथ ही सुरक्षा दीवार भी टूटने से आश्रम में पानी घुस गया। सीमांत जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ में भी मौसम का मिजाज तल्ख है। लगातार हो रही बारिश से जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश से कई संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं, जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।