जी हां दोस्तो तो क्या इसलिए हुआ देवभूमि में गैंगवार, कैसे और क्यों कुख्यात गैंगस्टर विनय त्यागी पर चली बीच सड़ग गोलियां, वो भी पुलिस की मौजदूगी में जो विनय त्यागी खुद बड़ा अपराधी है। उस अफराधी को मारने की कोशिश क्यों की गई, क्या वो विनय त्यागी से बड़ा अपराधी है। क्यों जोड़ा जा रहा है बीच सड़क हुई गैंवार का गाजियाबाद से कनेक्शन वो बताने के लिए आया हूं। दोस्तो देवभूमि उत्तराखंड में अचानक उभरती गैंगवार की सनसनी! हरिद्वार में दिनदहाड़े हुए हमले के पीछे क्या गाजियाबाद के कुछ लोगों का हाथ है? चोरी, करोड़ों की संपत्ति और पुराने अपराधों का जाल—सब कुछ अब पर्दे के पीछे से उजागर होने लगा है। कौन है मुख्य साज़िशकर्ता और इस वार का असली मकसद क्या था, ये सवाल अब हर आंख पर हैं। क्यों और कैसे अपनी शांत देवभूमि को दहलाने की कोशिशकी गई। दोस्तो हरिद्वार में सड़क पर इस तस्वीर को तो आपने देखा ही होगा। अब सवाल ये कि ये हमला क्यों हुआ कुख्यात गैंगस्टर विनय त्यागी किसके निशाने पर था और क्यों था। उसकी एक कड़ी वो जो यूपी के गाजियाबाद से जुड़ रही हैं। दरसल दोस्तो गाजियाबाद के एक बड़े ठेकेदार के करोडों के माल को चोरी करने वाले विनय त्यागी पर हुए हमले की वज़ह खोजी जा रही है, पुलिस भी अभी तक साफ नहीं कर पाई।
दोस्तो पश्चिमी यूपी के गैंगस्टर विनय त्यागी पर हुए हरिद्वार के लक्सर में हुए हमले के बाद कई तरह की बातें सामने आ रही है,जिस चोरी के मामले में विनय त्यागी जेल में बंद था। वो कोई मामूली चोरी की वारदात नहीं थी, बल्कि वो करोडों रुपये से जुड़ा मामला था, जिस पर पर्दा डला हुआ था लेकिन उस पर्दे के पीछे उस चोरी को लेकर कई सफेदपोश और खाकीधारी पूरी शिद्दत से जुटे हुए थे। दोस्तो वैसे तो विनय त्यागी का लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है, लेकिन पिछले दो दशक से उसने अपराध की दुनिया से किनारा करना शुरू कर दिया था। इस दौरान वो किसी बड़ी वारदात में सीधा शामिल नहीं हुआ लेकिन उसने देहरादून में एक ऐसी चोरी को अंजाम दिया जिसमें उसके हाथ सोना,चांदी और कैश के साथ करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी के कागजात हाथ लग गये, जिन्हें एक बड़े गाजियाबाद के ठेकेदार ने अपने दोस्त के यहाँ छिपा कर रखा हुआ था। दोस्तो अब जब विनय त्यागी पर गोलिया चलीं तो चर्चाएं भी शुरू हो गई कि उस बड़े ठेकेदार की भई। दरअसल दोस्तो अब गाजियाबाद के ठेकेदार को शक था कि उसके यहाँ ED का छापा पड़ सकता है जिससे उसकी इस बेनामी सम्पति का पता चल जायेगा,उसी के डर से इस ठेकेदार ने अपनी इस बेनामी दौलत को एक गाड़ी में भरकर देहरादून में अपने एक ख़ास दोस्त के यहाँ जो पेशे से डॉक्टर है उसके यहाँ छिपाया, लेकिन किसी तरह इसकी भनक विनय त्यागी को लग गयी। विनय त्यागी का भी उस डॉक्टर के यहाँ आना जाना था, मौका देखकर विनय त्यागी ने कार से ठेकेदार की इस काली कमाई की दौलत पर हाथ साफ कर दिया।
दोस्तो यहीं से शक की सुई ठेकेदार और गाजियाबाद से जुडने लगा। विनय त्यागी की हाथ सफाई कि जानकारी ठेकेदार को लगी तो उसने अपने डॉक्टर से इस चोरी की रिपोर्ट दर्ज करायी जिसमें महज कुछ लाख की चोरी का जिक्र किया गया l लेकिन अपने कुछ भरोसेमंद अफसरों की मदद से इस मामले में चोरी हुए माल की रिकवरी के लिए काम शुरू किया गया। दोस्तो कुछ लोगों का कहना है कि विनय त्यागी की गिरफ्तारी के बाद लगभग 80 प्रतिशत चोरी हुए सोना चांदी और कैश की बरामदगी कर ली गयी l लेकिन कई सौ करोड़ की प्रॉपर्टी के कागजात नहीं मिल पाये, जिससे ठेकेदार की साँसे अटकी हुई थी कि ये कागजात ED या इन्कम टैक्स वालों के हाथ न लग जाये, अंदर खाने इसे लेकर विनय त्यागी के सभी करीबी रिश्तेदारों से भी इस बाबत पूछताछ और जाँच हुई थी, हालांकि प्रॉपर्टी के कागजात मिले या नहीं और जो बरामदगी हुई उसकी कीमत कितनी थी l इसकी कोई जानकारी नहीं लग पायी है। बुधवार को जिस तरह दिन दहाड़े दो अज्ञात बाइक सवार पुलिस अभिरक्षा में विनय त्यागी को गोली मारकर आसानी से निकल भागे वो बात भी लोगों के गले नहीं उतर रही है l ये दुस्साहसिक घटना उत्तराखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। दोस्तो, हरिद्वार में विनय त्यागी पर हुए दिनदहाड़े हमले ने न केवल अपराध की दुनिया के कई रहस्यों को उजागर किया है, बल्कि पुलिस के लिए भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। करोड़ों की चोरी, बरामदगी के अधूरे कागजात और अज्ञात हमलावरों की पृष्ठभूमि अब जांच अधिकारियों के लिए सबसे बड़ा सवाल बन चुकी है। यह मामला अभी और खुलासों को जन्म दे सकता है, और आने वाले दिनों में हर निगाह उत्तराखंड पुलिस की कार्रवाई पर टिकी रहेगी।