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मनसा देवी हादसे के लगे आरोप, अब संभालेंगे धामों-मंदिरों की सुरक्षा! इतना ही नहीं महीने में दो बार होगा रिव्यू। दोस्तो मनसा देवी मंदिर में बड़ा हादसा हुआ, ये और बड़ा हो सकता था वो तो कृपा की मां मनासा देवी ने उस हादसे को टाल दिया। लेकिन फिर भी इस बादसे में जिन लोगों ने अनी जान गवांई। Haridwar Mansa Devi Stampede उनके परिवार वालों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं और जो लोग घायल हुए हैं उन लोगों को मां मनसा देवी जल्द स्वस्थ करें। दोस्तो इस हादसे को लेकर जांच चल रही है। असल कारण हादसे का क्या था, वो सबके साने आएगा, लेकिन हादसे के कारण जो निकल कर सामने आये, वो भी अलग-अलग थे। किसी ने कहा करंट फैलने की अफवाह फैली, किसी ने कहा रास्ते में एक बुजुर्ग महिला के गिरने के बाद अफरा-तफरी मची। वहीं इस हादसे को लेकर ये भी कहा गया गया कि पुलिस एक्टिव नहीं थी। पुलिस एक्टिव होती तो ये इतना बड़ा हादसा नहीं होता। रास्ते भर में पुलिस के नहीं होने की बात कही गई, तो क्या अब पुलिस-प्रशासन से सबक ले लिया है। मनसा देवी मंदिर हादसे से सबक लेते हुए पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। अब से गढ़वाल रेंज में आने वाले सभी धामों और मंदिरों की सुरक्षा-व्यवस्था की जिम्मेदारी सीओ रैंक के अधिकारी को दी गई है। साथ ही इससे संबंधित निर्देश भी सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों को दिए हैं। यानि कि मंदिरों की सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इसलिए इतना बड़ा कदम उस बड़े हादसे के बाद उठाया गया, जिस हादसे ने कई लोगों की जिंदगी को खत्म कर दिया।

ये कदम इस लिए उठाया गया क्योंकि दोस्तो रविवार 27 जुलाई को सुबह करीब 9 बजे मनसा देवी मंदिर मार्ग पर यानी सीढ़ियों पर अचानक से भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में आठ लोगों की मौत हुई थी। वहीं तीस लोग घायल हुए थे, जिनका जिला हॉस्पिटल हरिद्वार और ऋषिकेश एम्स में उपचार चल रहा है। इस घटना के बाद आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप की तरफ से ये फैसला लिया गया है कि गढ़वाल रेंज के सभी धामों और मंदिरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीओ रैंक के अधिकारी को दी जाएगी। इतना भर ही नहीं है महीने में दो बार होगी सुरक्षा-व्यवस्था की समीक्षा भी होगी। देखा जाएगा कि काम सही तरह से हो रहा है या नहीं, वैसे दोस्तो मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था। वहां आने वालों की सुरक्षा को लेकर बड़े स्थर पर काम होने की जरूरत है क्योंकि एक बड़ा फर्क दिखाई देता। उत्तराखंड के मंदिरों और दक्षिण भारत के मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था का मामले में। खैर अब आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप की तरफ से जिलों के पुलिस प्रभारियों को जो निर्देश जारी किए गए हैं, उसमें साफ कहा गया है कि एक महीने में दो बार सीओ रैंक का अधिकारी धामों और मंदिरों खासकर मनसा देवी व चंडी देवी मंदिर में जाकर सुरक्षा इंतजामों और क्राउड मैनेजमेंट (भीड़ प्रबंधन) का जायजा लेंगे। साथ ही दोस्तो एक और खबर निकल कर आई कि गढ़वाल रेंज के धामों और मंदिरों में इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर की ड्यूटी 24 घंटे के लिए लगाई गई है। इसके अलावा पुलिस बल की तैनाती भी की गई है। वैसे तो गढ़वाल मंडल के सभी धामों और पौराणिक मंदिर जहां पर बड़ी संख्या में भक्त आते हैं, वहां के लिए पहले ही एसओपी जारी की गई है। फिर भी हरिद्वार मनसा देवी मंदिर की घटना को देखते हुए सभी जिलों के पुलिस-प्रभारियों को अपने यहां के ऐसे मंदिरों की सुरक्षा की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि कहीं कोई कमी दिखे तो उसे दुरुस्त किया जाए।

इसके अलावा मनसा देवी चंडी और चंडी देवी मंदिरी में एसडीआरएफ को भी तैनात किया जाएगा। इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर 24 घंटे मंदिर में तैनात रहेंगे। इसके साथ ही जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर एक सर्वे किया जाएगा, जहां कहीं भी कमियां हैं, उनको सही किया जाए। प्रत्येक 15 दिन में गढ़वाल रेंज स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली जाएगी। इधर दोस्तो आपको ये भी बता दूं कि मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ की घटना के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन दोनों ही जांच में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में हरिद्वार एसएसपी और जिलाधिकारी ने मनसा देवी मंदिर मार्ग का निरीक्षण कियागाया। इसके बाद दोनों अधिकारियों ने चंडी देवी मंदिर में व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया, साथ मंदिर के करता धर्ताोँ के साथ भी पुलिस बैठक कर आगे की रणनीति बनाने में लगी है कि और क्या व्यवस्था यहां पर की जा सकती है। कहां पर कमजोर कड़ी है। इसके अलावा मनसा देवी हादसे की जांच का प्रार्ंभिक चरण चल रहा है। इसके लिए सभी वीडियो और आसपास लगे सीसी टीवी फुटेज को देखा जा रहा है। लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। इसके बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अब रिपोर्ट जब आएगी, आएगी, लेकिन कुछ काम फौंरी तौर पर होने ही चाहिए। दोस्तो रविवार को मनसा देवी मंदिर के मार्ग पर भगदड़ मची थी। प्रशासन के बयानों के मुताबिक, भगदड़ का कारण मार्ग पर करंट फैलने की अफवाह बताई गई। इस भगदड़ में 8 लोगों की मौत और 30 लोग घायल हो गए। हादसे की चपेट में बच्चे भी आए। आलम ये था मार्ग पर खड़ी हजारों की संख्या में भीड़ खुद को बचाने के लिए एक दूसरे के ऊपर गिर गए। इस हादसे की जांच के लिए सीएम धामी ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं। हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया था तो अब एक तरफ जहां इस हादसे के असल कारणों को खोजने की कोशिश प्रशासन कर रहा है। तो वहीं दूसरी ओर बड़े स्थर पर अब मंदिरों और श्रद्धालुओँ पर पुलिस प्रशासन नजर रखेगा। ये सब जरूरी भी है ताकि कोई मनसा देवी हादसा फिर से ना हो।