मेरी बेटी की शादी दूसरे धर्म के लोग से हो रही… उत्तराखंड में ढिढोरा पीटने वाले माननीय ने अब लिया एक बड़ा फैसला
एक पिता शायद ही कभी ले ऐसा फैसला… लेकिन शो अप करने के चक्कर में बीजेपी नेता ने अपने परिवार को फंसा दिया !
प्यार का मामला था… नियम कायदे के पर्देदारी में रहते… तो ये दिन ना देखना पड़ता !
कहते शो अप नहीं करना चाहिए… क्योंकि उसके डाउन ही होता है… उत्तराखंड बीजेपी नेता और पौड़ी पालिकाध्यक्ष यशपाल बेनाम ने ऐसा ही किया था… अब जबकि ऐसा किया… तो उन्हें वैसा करना पड़ रहा है… जैसा कि कोई पिता नहीं चाहता है… अपनी बेटी की शादी में बेनाम का अब पूरा शौक, शोक के रास्ते गुजरते हुए शॉक में हैं… जो नहीं करना था वो किया तो अब तरह तरह की प्रतिक्रियाओं के दौर से उन्हें गुजरना पड़ रहा है… बेनाम साहब कल तक गुमनाम थे.. बिरले ही लोग जानते होंगे… लेकिन अब कट्टरपंथियों के निशाने पर आकर अपने समाज शायद बदनाम होते जा रहे हैं… अपने ही शो अप में उलझते जा रहे हैं… जूझते जूझते टूटते बिखरते जा रहे हैं… और ऐसी स्थितियों की कड़वाहट के बीच एक बड़ा ऐलान किया… जो एक पिता कतई नहीं चाहेगा…ऐसा हो.. लेकिन हुआ है… यशपाल बेनाम ने खुद ही ये फैसला किया है….वो फैसला क्या है… उसपर आए हैं… जरा मामले को जान लेते हैं…
यशपाल बेनाम पौड़ी गढ़वाल नगर पालिका के अध्यक्ष हैं… उनकी बेटी मोनिका की शादी 28 मई को यूपी के अमेठी में पुरेबाज गांव के मोहम्मद मोनिस से होनी है…. इस कार्यक्रम के लिए बेनाम की पत्नी उषा रावत की ओर से मेहमानों को न्यौता भेजा जा रहा है… जिसके बाद उनकी बेटी की शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो गया…. वायरल करने वाले और कोई नहीं खुद यशपाल बेनाम ही है… कई बीजेपी नेता, मुस्लिम युवक से हिन्दू युवती की शादी को लेकर सवाल उठा रहे हैं…. बेनाम की बेटी मोनिका ने लखनऊ की यूनिवर्सिटी से पढ़़ाई की है… पढ़ाई के दौरान ही उसकी मुलाकात अमेठी के मोनिस से हुई थी… जिसके बाद दोनों ने शादी का फैसला लिया. दोनों की शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बीजेपी के कई सदस्य और खुद बेनाम के समर्थक भी उनके फैसले की आलोचना कर रहे हैं….
अब यशपाल बेनाम ने तमाम आरोपों का जवाब देते हुए कह रहे हैं… किसी को भी इसका विरोध नहीं करना चाहिए, जो लोग भी इसे धर्म के चश्मे से देख रहे हैं वो उन लोगों से ये कहना चाहते हैं कि ये दोनों परिवारों के लिए बेहद अहम वक्त है… इसमें दोनों परिवार को दो युवा लोग शामिल हैं…. इस मामले में उनके लिए धर्म ज्यादा अहम नहीं है… अब उनके लिए ये अहम ना हो… लेकिन समाज के लिए मौजूदा वक्त में तो अहम हैं… और शायद इसका आभास यशपाल बेनाम को हो गया… इतना तो उन्होंने मान लिया ही… सोशल मीडिया पर शादी का कार्ड डालकर उन्होंने गलती कर दी… गलती को सुधारने के लिए एक पहल की है… अब बेनाम ने बेटी की शादी के समस्त आयोजन स्थगित किए जाने की घोषणा कर दी… उन्होंने कहा कि बेटी की विदाई भावुक क्षण होता है… मेरी बेटी की शादी एक मुस्लिम समुदाय के युवक से होने जा रही थी… बच्चों की खुशी और भविष्य को देखते हुए दोनों परिवारों ने शादी धूमधाम से किए जाने का निर्णय लिया था… जिसके परिपेक्ष्य में कार्ड छपवाए थे… लेकिन शादी का आमंत्रण कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शादी के पक्ष और विरोध में कई प्रकार की बाते सामने आई…
बेनाम ने कहा सोशल मीडिया पर उपजे विवाद के बाद दोनों परिवारों ने आपसी सहमति से शादी समारोह के समस्त कार्यक्रम नहीं कराए जाने का फैसला लिया गया.. जनप्रतिनिधि होने के नाते वो नहीं चाहते थे कि बेटी की शादी पुलिस और प्रशासन की सुरक्षा के साए में संपन्न हो…वो जनभावनाओं का सम्मान करते हैं… बेटी की शादी को लेकर भविष्य में परिवार, शुभ चिंतकों और वर पक्ष के साथ मिलकर फैसला लिया जाएगा… तो ऐसे में सवाल अब जबकि यशपाल बेनाम ने शादी समारोह कार्यक्रम रद्द करने का फैसला लिया है… तो क्या माना जाए… सबकुछ शांत हो जाएगा… इस सवाल का जवाब क्या होगा… इसके लिए तो वक्त का इंतजार करना होगा