देहरादून: राज्य कैबिनेट ने हाईकोर्ट को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट करने का निर्णय एकदम नहीं लिया। सरकार ने व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल हाईकोर्ट तक आवागमन सुगम होगा, बल्कि पर्यटन नगरी नैनीताल को भी भीड़ के बढ़ते दबाव से मुक्ति मिलेगी। अधिवक्ताओं का मानना है कि हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने से वादकारियों और अधिवक्ताओं को काफी सहूलियतें होंगी। सस्ता और सुलभ न्याय भी मिलेगा। यही नहीं, अधिवक्ताओं ने मांग उठाई है कि हाईकोर्ट की एक बेंच देहरादून या हरिद्वार में खोलने की जरूरत है ताकि गढ़वाल मंडल के वादियों को हल्द्वानी का चक्कर न लगाना पड़े।
नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने को लेकर लंबे समय से विचार किया जा रहा था। हाईकोर्ट को नैनीताल से शिफ्ट करने के विरोध और पक्ष में अलग-अलग तर्क दिए जा रहे थे। यह विषय लगातार सरकार के समक्ष भी उठाया जा रहा था। आखिरकार सरकार ने इसे शिफ्ट करने का निर्णय ले लिया। माना जा रहा है कि नैनीताल में वादकारियों को सबसे अधिक परेशानी यहां ठहरने व खाने को लेकर होती है। पर्यटन शहर होने के नाते नैनीताल काफी महंगा है। इसे देखते हुए आमजन के लिए यहां अपने मुकदमों के सिलसिले में आना आसान नहीं होता। इतना ही नहीं, यहां के लिए सीधी रेल सेवा नहीं है। वही, कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।