उत्तराखंड का डरावना सच ! | Uttarakhand News | Heavy Rain | Viral Video | Breaking News

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उत्तराखंड में बारिश बनी आफत, पहाड़, मैदान और गंगा हर ओर खतरा ही खतरा। जी हां दोस्तो उत्तराखंड में मौसम की बेहरमी ने ऐसा कहर बरपाया है कि कहीं गिरा आदमी पर बोल्डर तो कहीं बाढ़ में फंस गई एंबुलेंस। Uttarakhand Disaster Live Update हरिद्वार में तो दिखी ऐसी खौफनाक तस्वीर की आप कहेंगे हे भगवान ये क्या हो रहा है। दगड़ियो उत्तराखंड में इन दिनों आसमान से बरस रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया है। जहां एक ओर पहाड़ों में भूस्खलन और बोल्डर गिरने की घटनाएं हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर मैदानों में नदियों-गदेरों का उफान आम लोगों की जान जोखिम में डाल रहा है। इस दौरान कई दुखद हादसे सामने आए हैं, जो बारिश की भयावहता और लापरवाही की कीमत को उजागर करते हैं। दगड़ियो भिकियासैंण-बासोट मोटर मार्ग पर गिरा कहर, ग्रामीण घायल हो गया। रामनगर में एक एंबुलेंश बाढ़ में फंसी तो कई लोगों की सांसे भी अटक गई, हरिद्वार में तो गणपति विर्जन के दौरान एक परिवार जो पहाड़ टूटा वो तो सहमा देने वाला था। सिलसिलेवार तरकी से आपको इन तस्वीरों को दिखाने और इसके बारे में बताने जा रहा हूं। आप से गुजारिश बस इतनी सी है कि आप अंत तक मेरे साथ इस वीडियो में बने रहे। दगड़ियो ये बारिश की मार सबसे ज्यादा पहाड़ी इलाकों में देखने को मिल रही है।

अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण-बासोट मोटर मार्ग पर मंगलवार की शाम एक भयावह हादसा हो गया। पीपलगांव के रहने वाले फकीर सिंह जब बाजार से घर लौट रहे थे, तभी अचानक ऊपर से भारी भरकम पत्थर और बोल्डर गिरने लगे, एक बड़ा सा पत्थर फकीर सिंह नाम के उस व्यक्ति जा टकराया। इससे वह सड़क पर ही दबकर गंभीर रूप से घायल हो गए वैसे पहाड़ों पर होता कुछ ऐसा ही है क्योंकि यहां लोग कहां कहां से बचेंगे जब रास्ता ही कुछ ऐसा है जिस रास्ते के सिर पर खतरा बैठा है यहां नहीं तो आगे कहीं। आसपास मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें वहां से निकाला, अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया लेकिन यहां तारीख उस शख्स के हौंसले और हिम्मत की भी होनी चाहिए जो पत्थर में दबे फकीर सिंह को मौत के मुंह से खींच लाता है। वहीं दूसरा पहलू इस खबर का ये है कि स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह मार्ग बारिश के दौरान बेहद खतरनाक हो जाता है न तो सुरक्षात्मक दीवारें बनी हैं, न ही चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए जाएं – जैसे पत्थर रोकने वाली जाली, संकेतक बोर्ड और निगरानी टीमों की तैनाती दगड़ियो रामनगर-भंडारपानी मार्ग पर उफनता गदेरा, फंसी एंबुलेंस और जोखिम में वाहन।

रामनगर क्षेत्र में टेड़ा गांव के पास एक गदेरा (बरसाती नाला) अचानक उफान पर आ गया। इसके कारण रामनगर-भंडारपानी मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। सड़क पर पानी इतना भर गया कि घंटों तक वाहन दोनों ओर फंसे रहे। इसी दौरान एक एंबुलेंस, जो अमगढ़ी पाटकोट क्षेत्र से मरीज ला रही थी, उसी नाले में फंस गई। मरीज और परिजन घंटों तक एंबुलेंस में ही इंतजार करते रहे, जिससे उनकी परेशानी और खतरा दोनों बढ़ गए। दगड़ियो यहां भी लोग कहते हैं कि हर साल बरसात में ये गदेरा जानलेवा साबित होता है। प्रशासन चेतावनी तो देता है, लेकिन लोगों की लापरवाही ही सबसे बड़ी समस्या है। लोग सोचते हैं कि ‘हम तो पार कर ही लेंगे’, लेकिन कई बार यही सोच जान के लिए खतरा बन जाती है। दोस्तो बताउंगा आपको कैसे हरिद्वार में मूर्ति विसर्जन बना मातम, गंगा में बह गया युवक, बारिश की भयावहता सिर्फ पहाड़ों तक सीमित नहीं है। मैदानों में भी इसके कहर से लोग अछूते नहीं हैं ये मै कई बार आपको तस्वीरों के जरीए बता चुका हूं। अब एक और तस्वीर जो सामने आई है वो हरिद्वार के कनखल स्थित राजघाट की है। यहा पर एक बेहद दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसने धार्मिक अवसर को मातम में बदल दिया।

दोस्तो संदेश नगर निवासी निखिल गुप्ता, जो मूर्ति विसर्जन करने घाट पर आए थे, उनका संतुलन बिगड़ा और वे तेज बहाव में बह गए। घाट पर मौजूद लोगों के सामने ही ये हादसा हुआ और सब कुछ कुछ ही पलों में खत्म हो गया। दोस्तो गंगा का जलस्तर खतरे के पार है, प्रशासन अलर्ट पर है। पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश के कारण गंगा नदी का जलस्तर लगातार खतरनाक स्तर से ऊपर जा रहा है। प्रशासन ने घाटों पर सख्त निगरानी शुरू कर दी है। आपदा प्रबंधन टीमें तैनात कर दी गई हैं और घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई है। हरिद्वार प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि ऐसे मौसम में गंगा किनारे न जाएं, क्योंकि थोड़ी सी चूक जानलेवा बन सकती है। घाटों पर सुरक्षा कर्मियों को बढ़ा दिया गया है, लेकिन जनता की सतर्कता भी उतनी ही जरूरी है। दगड़ियो अपने उत्तराखंड में इन दिनों हालात ऐसे हैं कि प्राकृतिक आपदा और मानवीय लापरवाही दोनों मिलकर जानलेवा बन रहे हैं। एक ओर भूस्खलन, बोल्डर गिरना, गदेरे का उफान, और दूसरी ओर लोगों की हिम्मत (या लापरवाही) – दोनों ही मिलकर घटनाओं को हादसों में बदल रहे हैं। प्रशासन अपनी ओर से निगरानी कर रहा है, अलर्ट भी जारी किए गए हैं, लेकिन जब तक आम लोग सतर्क नहीं होंगे, तब तक खतरा बना रहेगा। दगड़ियो जरूरी है कि लोग प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें, खतरे वाले इलाकों से दूर रहें। कोई भी रास्ता पार करने से पहले सोचें – क्या ये जरूरी है? क्या ये सुरक्षित है? कुदरत का कहर रोका नहीं जा सकता, लेकिन सतर्कता से उससे बचा जरूर जा सकता है। क्योंकि दगड़ियो ल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण-बासोट मोटर मार्ग पर अचानक पहाड़ी से गिरे पत्थरों ने एक ग्रामीण की जिंदगी संकट में डाल दी। हादसे में ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया अब ये लापरवाही भी है लेकिन यहां की जरूरत भी ये है कि इस रास्ते से लोगों को आना जाना होता है। रामनगर में एंबुलेंस चालकी लापरवाही कहूं या मजबूरी की वो गधेरे को पार करना उस मरीज को अस्पताल तक पहुंचाना जरूरी कहूं या फिर हरिद्वार में वाली घटना पर कहुं की आस्ता जरूरी है जान नहीं लापरवाही नहीं होनी चाहिए दगड़ियो।