Uttarakhand Poltics: उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाला सुर्खियों में है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने साल 2016 के बाद हुई सभी तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त करने का फैसला लिया है। इस फैसले के बाद पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के राजनीतिक कैरियर पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है तो वहीं पिछले कई सालों से काम कर रहे 228 लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है। विधानसभा भर्ती घोटाले में एक्शन के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी कई लोगों के निशाने पर आ गई हैं। जिसका अंदाजा सोशल मीडिया पर हो रही बयानबाजी से लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं प्रेमचंद अग्रवाल और ऋतु खंडूड़ी के समर्थक एक दूसरे की जमकर आलोचना कर रहे हैं।
विधानसभा में बैकडोर से भर्तियों को लेकर बीते दिनों हुए विवाद के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के निजी स्टाफ में राज्य के बाहर के लोगों को नियुक्त करने पर विवाद शुरू हो गया है। उनके स्टाफ के कर्मचारियों की सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग स्थानीय की बजाए बाहरियों को नौकरी देने को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस सूची में अलग-अलग राज्यों के लोगों को उनके स्टाफ में विभिन्न पदों पर दर्शाया गया है। यह सूची सोशल मीडिया पर आते ही बड़ी संख्या में लोग हमलावर हो गए। लोगों ने सूची शेयर करते हुए स्पीकर की मंशा पर सवाल उठाए। लोगों ने कहा कि क्या उत्तराखंड में एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं, जिन्हें इन पदों पर तैनात किया जा सकता?
चर्चा में आने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने बयान दिया कि देखिए, यह मेरा पर्सनल स्टाफ है। मेरे स्टाफ में पहाड़ के भी लोग हैं लेकिन सूची में उनका नाम नहीं है। कोई नहीं, मैं बचाव भी नहीं कर रही हूं। मैंने जिन लोगों को स्टाफ में रखा है, उनको तीस से चालीस साल का अनुभव है। सरकारी कामकाज के लिए अनुभवी लोग चाहिए। अभी इतना बड़ा काम किया है तो कुछ लोग मुझे भी तो हिट करेंगे। मेरा मन साफ है, मैं कोई घबराने या डरने वाली महिला नहीं हूं। मेरा उद्देश्य राजनीति से ज्यादा समाज सेवा है। खैर, लोगों ने मेरे पिताजी को नहीं छोड़ा तो मेरी क्या हैसियत है।