उत्तराखंड को आखिर ये किसकी नज़र लगी? ये सवाल इसलिए क्योंकि बेटियां खतरे में हैं। अब उत्तराखंड में अंकिता के बाद ममता जोशी बहुगुणा का मामला जोर पकड़ रहा है।
Srinagar Mamta Joshi bahuguna missing case
श्रीनगर गढ़वाल से 3 साल से लापता ममता जोशी बहुगुणा का अभी तक कुछ भी पता नहीं चल पाया है। 25 नवंबर 2019 को ममता लापता हो गई थी और अब तक उसका कोई सुराग नहीं लगा है। ममता के घर वाले दर दर की ठोकरें खा रहे हैं लेकिन बेटी का कुछ भी पता नहीं चल पाया। नवंबर 2019 में श्रीनगर कोतवाली में ममता की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। पुलिस भी एक साल पहले मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा चुकी है। अब मामले में कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। अधिवक्ता चंद्रभान तिवारी ने बताया कि ममता जोशी बहुगुणा प्रकरण में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीनगर द्वारा मामले में फिर से जांच करने के आदेश दिए गए हैं। कोर्ट में पुलिस की तरफ से दी गई क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया है। उधर मामले की सीबीआई जांच की मांग हो रही है। आगे पढ़िए
25 नवंबर 2019 को चौरास के रहने वाले राजाराम जोशी की बेटी ममता श्रीनगर के नर्सरी रोड मोहल्ला स्थित अपने घर से अचानक लापता हो गई थी। ममता का फोन घर पर था। इसके अलावा उनके चप्पल नैथाणा झूला पुल से बरामद हुए थे। ममता के छोटे भाई प्रदीप जोशी ने कहा है कि उनका परिवार ढाई साल से ममता की तलाश में भटक रहा है। उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए और कहा है कि पुलिस ने इस मामले में सही ढंग से जांच नहीं की। उधर ममता की दोस्त शालिनी और वंदना बताती हैं कि ममता बहुत बहादुर लड़की थी। वो किसी भी हाल में आत्महत्या नहीं कर सकती। उनका कहना है कि ममता के ससुराल वाले उसे परेशान करते थे। वंदना के मुताबिक ममता का दो बार गर्भपात भी करवाया गया। वहीं श्रीनगर सीओ श्याम दत्त नौटियाल ने बताया कि ममता Mamta Joshi bahuguna की खोजबीन में कोई लापरवाही नहीं की गई है।