देहरादून: उत्तराखंड में गहराते मानव-वन्यजीव संघर्ष ने सरकार की पेशानी पर बल डाल दिए हैं। बीते 10 दिनों के भीतर ही पौड़ी, टिहरी व अल्मोड़ा जिलों में गुलदार के हमलों में चार व्यक्तियों की जान जा चुकी है। इस सबको देखते हुए सरकार अब इस संघर्ष की रोकथाम को राज्य स्तरीय एक्शन प्लान तैयार करा रही है। प्रदेश में वर्ष 2020 से अब तक के परिदृश्य पर ही नजर दौड़ाएं तो वन्यजीवों के हमलों में 166 व्यक्तियों की जान जा चुकी है, जबकि 641 घायल हुए हैं। इनमें भी गुलदार के हमलों में सर्वाधिक 66 व्यक्तियों की जान गई, जबकि 186 घायल हुए हैं।
मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति को देखें तो अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, तराई पूर्वी, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, गढ़वाल, नरेन्द्रनगर, टिहरी, लैंसडौन वन प्रभागों से लगे क्षेत्रों में अधिक है। यद्यपि, अभी तक इस संघर्ष की रोकथाम को कदम अवश्य उठाए गए, लेकिन ये नाकाफी साबित हुए हैं। इस सबको देखते हुए सरकार अब इस दिशा में गंभीरता के साथ कदम उठाने जा रही है। वन मंत्री सुबोध उनियाल के निर्देश पर मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए राज्य स्तरीय एक्शन प्लान तैयार करने को लेकर शासन और विभाग स्तर पर कार्य चल रहा है।
राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डा समीर सिन्हा के अनुसार एक्शन प्लान में दीर्घकालिक व अल्पकालिक कार्य शामिल किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि गुलदार के हमले अधिक बढ़े हैं। इसे देखते हुए वन मुख्यालय में गठित होने वाला प्रकोष्ठ केवल गुलदार के विषय पर वैज्ञानिक ढंग से अध्ययन करेगा। उन्होंने बताया कि विभाग का फील्ड स्टाफ तो सभी जगह सतर्क है ही, आमजन को भी सतर्क रहते हुए सावधानी बरतनी होगी।