दोस्तो देवभूमि ऋषिकेस में हालात बिगड़े हजारों हजार लोग सड़क पर रेलवे ट्रैक पर बैठ गए लोग, पुलिस पहुंची तो जनता ने खदेड़ दिया जम कर किया बवाल और पथराव। अब कैसे पुलिस कर रही है एक्शन, क्यों सैकड़ों लोगों पर हो गया मुकदमा, बताउंगा आपको पूरी कहानी, पहले घऱ पड़ा संकट में विरोध में किया पथराव तो नई मुसीबत ये कि पुलिस ले लिया बड़ा फैसला। Rishikesh Forest Land Demarcation दोस्तो वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर हालात बेकाबू हो गए। कार्रवाई के विरोध में उग्र प्रदर्शन, पथराव और बवाल के बाद पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। सैकड़ों लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं, इलाके में तनाव बना हुआ है और सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। दोस्तो ऋषिकेश में वन भूमि के सर्वे का विरोध कर रहे लोगों का प्रदर्शन उग्र रूप में देखा गया। नेशनल हाईवे जाम किया गया तो फिर उसके बाद लोंगों ने मनसा देवी रेलवे लाइन को बाधित करके ट्रेनों को रोका। हरिद्वार बायपास मार्ग (नेशनल हाईवे) को जाम किया और पुलिस पर पथराव किया. तो इधर पुलिसिया एक्शन ये कि विरोध प्रदर्शन पर तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज कर चुकी है। जी हां दोस्तो देवभूमि में घर टूटने के डर ने लोगों को सड़कों पर ला दिया, इस लिए मुकदमा दर्ज हो गया। प्रशासनिक कार्रवाई के खिलाफ जनता ने सरकार से सीधी टक्कर ले ली। विरोध उग्र हुआ, हालात बिगड़े और अब सैकड़ों लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए।
इलाके में तनाव का माहौल है और पुलिस बल तैनात, लेकिन अब पुलिस का भी कसेगा शिकंजा। मै आपको यहां पुलिस की कर्रवाई की बात करूं उससे पहले मै एक सियासी सवाल दिखा रहा हूं। दोस्तो ऋषिकेश में सरकार कोर्ट के आदेश का अनुपालन सही से कराने में नाकाम रही है। सरकार ने बेगुनाह लोगों, पत्रकारों तक को जेल में डाला है। सरकार बेगुनाह लोगों को परेशान ना करे। मैं ऋषिकेश स्थित थाने में बेगुनाह लोगों से मिलने पहुँचा हूँ, तो क्या कुछ ऐसा ही हुआ है। ये बात अलग है लेकिन दोस्तो देवभूमि ऋषिकेश में वन भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अब बड़े टकराव में बदल चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत चल रहे सर्वे और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया के दौरान हालात इतने बिगड़े कि सड़कों से लेकर रेलवे ट्रैक तक जाम कर दिए गए। पुलिस पर पथराव हुआ, सरकारी काम में बाधा डाली गई और अब इस पूरे मामले में सैकड़ों लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं ये पुलिस का कहना है। दोस्तो पहला मुकदमा रायवाला में तैनात एसएसआई मनवर सिंह नेगी की तहरीर पर दर्ज किया गया है। तहरीर के मुताबिक, सेक्टर-2 प्रभारी के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में मालवीय नगर क्षेत्र में वन भूमि की नाप-जोख के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान अमितग्राम के पास श्यामपुर बाईपास पर स्थानीय लोगों ने हाईवे जाम कर दिया। इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को नामजद करते हुए 218 अज्ञात महिला-पुरुषों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं दूसरा मुकदमा और भी गंभीर है, वन विभाग की एक महिला रेंजर ने तहरीर देकर आरोप लगाया है कि, 27 दिसंबर को गुमानीवाला क्षेत्र में सरकारी सर्वे के दौरान उनके साथ छेड़खानी की गई।
आरोप है कि अज्ञात लोगों ने न केवल उनके काम में बाधा डाली, बल्कि धक्का-मुक्की, मारपीट, गाली-गलौज और वर्दी पकड़ने जैसी हरकतें भी कीं। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। तीसरा मुकदमा ऋषिकेश कोतवाली प्रभारी कैलाश चंद्र भट्ट की शिकायत पर दर्ज हुआ है। इसमें मनसा देवी रेलवे फाटक क्षेत्र में बलवा करने, राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे ट्रैक बाधित करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और पुलिस फोर्स पर जानलेवा पथराव करने के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में 8 लोगों को नामजद करते हुए 8 से 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। दरअसल दोस्तो पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जुड़ा है, जिसके तहत ऋषिकेश क्षेत्र में वन विभाग की भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इन्हीं निर्देशों के तहत पुलिस, वन विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीमें कार्रवाई कर रही थीं। कार्रवाई से प्रभावित लोगों ने विरोध में राजमार्ग और रेलवे लाइन को जाम कर दिया, जिससे 6 ट्रेनें प्रभावित हुईं और हजारों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा फिलहाल ऋषिकेश में हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन माहौल अब भी संवेदनशील बना हुआ है। तो साफ है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत चल रही वन भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई ने ऋषिकेश में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। पुलिस ने कानून व्यवस्था बिगाड़ने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और हिंसा फैलाने के आरोप में सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रशासन का कहना है कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाज़त नहीं दी जाएगी, वहीं जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की गई है। फिलहाल इलाके में हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन स्थिति पर प्रशासन की कड़ी नजर बनी हुई है।