देहरादून: UKSSC भर्ती घोटाले के बाद नैटवाड़ इंटर कॉलेज के फिजिकल के टीचर तनुज शर्मा की संलिप्ता पाये जाने के बाद उन पर संस्पेशन की कार्रवाई कर दी गई और उन्हें शिक्षक पद से निलंबित किया गया लेकिन अब शिक्षा विभाग में इस बात की बहस तेज हो गई है कि कहीं जो टीचर्स स्टूडेन्ट्स का भविष्य बना सकते हैं वो दूसरी एक्टिविटी में तो शामिल नहीं है। शिक्षा विभाग ऐसे टीचर्स का एनालाइसिस करने में जुटा है, जो इस तरह के मामलों में संलिप्त रहते हैं।
शिक्षा विभाग शिक्षकों के बारे में जानकारियां एकत्रित कर रहा कि कहीं वो अपने मैनपॉवर के इस्तेमाल में कोई चूक तो नहीं कर रहे हैं। इसको लेकर शिक्षा विभाग अब शिक्षकों पर निगरानी रखने की तैयारी में जुटा है। पूरे मामले में डीजी एजुकेशन बंसीधर तिवारी का कहना है कि भले ही स्कूल के साथ शिक्षकों का निजी जीवन भी होता है, लेकिन सरकारी सेवा में रहते हुए अगर कोई भी शिक्षक, कर्मचारी किसी दूसरी एक्टिविटी (गतिविधि) में पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।
इस मामले में शिक्षक यूनियन का कहना है कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि टीचर के काम का डिस्ट्रिब्यूशन ठीक नहीं है। प्रशासनिक और एकेडमिक काम का बंटवारा ठीक से नहीं किया जा रहा है। कुछ शिक्षक कर्मचारी खाली बैठे रहते हैं, तो कुछ पर काम का भार ज्यादा होता है। ज्ञात हो कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पेपर लीक मामलें में उत्तरकाशी के मोरी के एक शिक्षक की संलिप्तता पाई गई है। जिसके बाद ये कार्यवाही करी जा रही है।