हरिद्वार: उज्जैन और काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर हरिद्वार में भी हरकी पैड़ी कॉरिडोर बनाने की कवायद तेज हो गई है। कॉरिडोर बनाने के प्रस्ताव को उत्तराखंड सरकार ने कैबिनेट में मंजूरी दे दी है। वही इस फैसले को लेकर पूर्व कानून मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने बड़ा बयान दिया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि विश्वनाथ कॉरीडोर की तर्ज पर हरकी पौड़ी को कॉरीडोर के रूप में विकसित करने का कोई औचित्य नहीं है। अच्छी सड़कें बनें इतना ही बहुत है। उन्होंने कॉरीडोर का विरोध किया। बता दें, ये बातें उन्होंने रविवार को हरिद्वार स्थित अटल बिहारी राज्य अतिथि गृह में पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहीं।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि कॉरीडोर बनाने की जानकारी संज्ञान में आई है। कहा कि कॉरीडोर बनाने का कोई औचित्य ही नहीं है। केवल अच्छी सड़कें ही काफी हैं। क्योंकि वाराणसी में भी कॉरीडोर बनने से लोग दुखी हैं। इसके लिए कई मंदिरों को तोड़ना पड़ा। इसलिए यहां ऐसा कुछ न हो, इसका विरोध करता हूं। जिन अधिकारियों ने भी इस योजना के बारें में सोचा है मुख्यमंत्री उन्हें समझाएं कि ये करना पवित्र भूमि को ठेस पहुंचाने के बराबर होगा।
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा में नियुक्त कर 2001 से 2015 तक के कर्मियों को नियमित कर दिया गया। लेकिन इसके बाद 2016 से भर्ती हुए सभी कर्मचारियेें की छुट्टी करने की शुरुआत कर दी। कहा कि 2001 से 2015 तक सबको नियमित कर दिया। लेकिन बिना कारण 2016 के बाद के कर्मचारियों को बिना कारण बर्खास्त करना भारतीय संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन है। लेकिन मैं आशा करता हूं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद ही जैसे 2001 से 2015 तक के कर्मचारियों को नियमित किया। इन्हें भी बहाल करते हुए नियमित करने का फैसला लें। आगे कहा कि वरना कोर्ट में ये हारेंगे, विश्वास के साथ कहता हूं।