Assembly Backdoor Recruitment: विधानसभा में बैकडोर भर्ती मामले को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। बर्खास्त किए गए कर्मचारियों के पक्ष में सुब्रमण्यम स्वामी के आने से सियासत और गर्मा गई है। बता दे, पूर्व कानून मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने विधानसभा के 228 कर्मियों को बर्खास्त करने के फैसले को गलत करार देते हुए आर्टिकल 14 का उल्लंघन बताया और सीएम से कर्मियों को बहाल करने की मांग की। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को ले जाने की बात भी कही। कहा, वरना कोर्ट में ये (सरकार) हारेगी, विश्वास के साथ कहता हूं। कहा, आज तक जो भी केस मैंने लड़े सभी में जीत मिली है। अब 288 कर्मचारियों को उज्जवल करने के लिए कदम उठाएंगे, तब तक ऐसा नहीं होगा, जब तक इस मामले को बिल्कुल भी छोड़ेंगे नहीं।
वहीं मामले में सुब्रमण्यम स्वामी के हस्तक्षेप के बाद उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने दो टूक जवाब दिया कि यदि वह बहुत बड़े वकील हैं तो सुप्रीम कोर्ट में उनका स्वागत है, वह उन्हें शुभकामनाएं देती हैं। ऋतु खंडूड़ी का कहना है कि मामला सबज्यूडिस है और पहले भी इसको लेकर के कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट गए थे। अगर सुब्रमण्यम स्वामी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि इस मामले में पहले भी कुछ लोगों को न्यायालय से निराशा मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि हमें आज केवल राजनीतिक नफे नुकसान को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि अपने प्रदेश के युवाओं के भविष्य को देखते हुए अपनी राजनीति को आगे बढ़ाना चाहिए। कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा विधानसभा भर्ती मामले में बर्खास्त किए गए कर्मचारियों की तरफदारी की गई। कहा कि यह राजनीति का ही घिनौना चेहरा है, कभी इस तरफ से कहा जाता है, कभी उस तरफ से कहा जाता है।