तबाही ऐसी कि नींद भी छिन गई और छत भी, बारिश आई नहीं, जैसे क़हर बनकर टूटी देहरादून पर सहस्त्रधारा से लेकर ऋषिनगर, डोईवाला से टपकेश्वर तक—हर तरफ़ पानी ही पानी और परेशान लोग। किसी की दुकान बह गई, किसी का घर और कई लोग आज भी लापता हैं। प्रशासन मोर्चे पर है, रेस्क्यू टीमें मैदान में, देहरादून में शौच कर रहा था शख्स। Disaster Like Situation Dehradun तभी फटा बादल वो जान बचाने को एक चढ़ा पोल पर, और फिर क्या हुआ होगा, सब ताउंगा आपको। दोस्तो देहरादून, उत्तराखंड — पहाड़ों पर जब बादल फटते हैं या तेज़ बारिश होती है, तो असर सिर्फ ऊँचाइयों तक ही नहीं रहता, निचले इलाकों में बसे हज़ारों लोग उसकी चपेट में आ जाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ बीती रात और आज दिनभर देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में। कई जानें खतरे में पड़ गईं, कुछ लोग बाल-बाल बचे, तो कई अब भी लापता हैं। दोस्तो इस रिपोर्ट में मै आपको दिखाउंगा कि कैसे एक शख्स बिजली के पोल पर चढ़कर मौत से लड़ता रहा, कैसे एक घायल आदमी बहते पानी के बीच मदद के लिए चिल्लाता रहा, और कैसे एक ट्रक और कार को चंद्रभाना नदी की लहरों से बाहर निकाला गया।
देहरादून के ठाकुरपुर, प्रेमनगर: जब ज़िंदगी और मौत के बीच खड़ा था एक इंसान सबसे पहले बात प्रेमनगर के ठाकुरपुर इलाके की करता हूं। दोस्तो यहां एक व्यक्ति सुबह के समय शौच के लिए नदी की ओर गया था, मौसम साफ था, बादलों में कोई गर्जना नहीं थी, लेकिन अचानक ऊपर के इलाकों से भारी बारिश का पानी नीचे की ओर दौड़ा और नदी का जलस्तर देखते ही देखते खतरनाक रूप से बढ़ गया। ये व्यक्ति जो आप तस्वीर में देख रहे हैं वहीं नदी के बीचों-बीच फंस गया, भागने का कोई रास्ता नहीं था। जान बचाने की कोशिश में उसने नदी के बीच लगे एक बिजली के पोल को सहारा बनाया और उस पर चढ़ गया। तेज़ बहाव, गंदा पानी, और ऊपर से डर — लेकिन हिम्मत नहीं हारी। दोस्तो स्थानीय लोगों ने तुरंत सूचना प्रशासन को दी। करीब आधे घंटे बाद टीम मौके पर पहुंची बेहद सावधानी के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। दोस्तो करीब 45 मिनट की मशक्कत के बाद उस व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकाला गया। डर से कांपते उस शख्स की आंखों में सिर्फ एक ही बात थी — मैं बच गया, शेरपुर, सेलाकुई: बहकर आया घायल, फिर मांगी मदद।
दूसरी घटना शेरपुर, सेलाकुई की है, यहां आसन नदी अपने उफान पर थी। लोगों को उम्मीद नहीं थी कि बहाव इतना तेज़ होगा। अचानक एक घायल व्यक्ति बहते-बहते नदी में आया और किनारे की ओर चिल्लाते हुए मदद मांगने लगा। दोस्तो किस तरफ़ से आया, किसने नहीं देखा, ये तो साफ नहीं हो पाया, लेकिन उसकी हालत बेहद गंभीर थी। लोगों ने तुरंत उसे नदी से खींचकर बाहर निकाला और फौरन एंबुलेंस बुलाई। अनुमान है कि वह ऊपर के किसी गांव या बस्ती से बहकर आया होगा जहां से पानी ने सब कुछ उड़ा दिया। अब बात दोस्तो तीसरी तस्वीर होगी, चहां बारिश के इस कहर में सबसे बड़ी चुनौती बनी चंद्रभाना नदी, जो अचानक बाढ़ के बाद रौद्र रूप में बहने लगी। इस नदी के बीचों-बीच एक ट्रक और एक कार फंस गए। ट्रक में मौजूद लोग खतरे को भांपकर समय रहते ट्रक की छत पर चढ़ गए थे, जबकि कार में सवार दो लोग अंदर ही फंसे रह गए। पानी की रफ्तार इतनी तेज़ थी कि अगर 10 मिनट भी देर होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था। दोस्तो एनडीआरएफ और लोकल पुलिस की टीमों ने मौके पर पहुंचकर सभी लोगों को बाहर निकाला। पहले ट्रक वाले लोगों को निकाला गया, फिर कार को क्रेन और रस्सियों से खींचकर बाहर लाया गया। रेस्क्यू टीम के एक सदस्य ने बताया —हमने तेज़ बहाव के बीच 4 बार रस्सी फेंकी, लेकिन वह बह जाती थी। आखिरकार एक स्थानीय युवक की मदद से रस्सी ट्रक तक पहुंचाई और लोग बाहर निकले। दोस्तो इतना भर नहीं था मंजर-ए तबाही, एक तस्वरी और एक कार, जो बह गई सैलाब में इन घटनाओं के बीच एक दिल दहला देने वाला दृश्य तब सामने आया जब देहरादून के ही एक इलाके में तेज़ बहाव के साथ एक कार पूरी तरह पानी में बह गई।
स्थानीय लोगों ने वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें साफ दिख रहा है कि किस तरह पानी कार को सड़क से खींचता है और फिर वह कुछ ही सेकंड में लहरों में गुम हो जाती है। सौभाग्य से, कार में कोई सवार नहीं था — लेकिन अगर कोई होता, तो परिणाम भयंकर हो सकते थे। रेस्क्यू टीमों की दिन-रात मेहनत, इन सभी घटनाओं के दौरान SDRF, NDRF, स्थानीय पुलिस, लोक निर्माण विभाग और दमकल विभाग लगातार रेस्क्यू में जुटे हुए दिखाई दिए…दोस्तो इधर बारिश थमी नहीं है, नदियों का जलस्तर अब भी खतरे के निशान पर है, लेकिन राहत की बात ये है कि प्रशासन ने समय रहते मोर्चा संभाल लिया। सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर चुके हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक उत्तराखंड के कई ज़िलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार और टिहरी जैसे ज़िलों में अलर्ट है। दोस्तो इस पर ध्यान देना, प्रशासन की अपील है कि लोग नदियों के पास न जाएं,पुलों पर खड़े होकर फोटो या वीडियो न बनाएं,और किसी भी आपदा की सूचना तुरंत आपदा कंट्रोल रूम को दें दोस्तो बारिश ने एक बार फिर दिखा दिया है कि प्रकृति के सामने इंसान कितना असहाय हो सकता है। लेकिन इन घटनाओं ने यह भी दिखाया कि अगर प्रशासन सक्रिय हो, और लोग सजग, तो बड़ी से बड़ी आपदा से भी निपटा जा सकता है।