उत्तराखंड में बड़ा एक्शन लेने की तैयारी, CM योगी की राह पर चले CM धामी

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पड़ोसी राज्य यूपी में अवैध रूप से चल रहे मदरसों के खिलाफ अभियान चल रहा है। मदरसों के संचालन के लिए पैसा कहां से आ रहा है, किस संस्थान ने मदरसा बनवाया और पाठ्यक्रम क्या है, इसे लेकर सर्वे किया जा रहा है। यूपी की तर्ज पर अब उत्तराखंड की धामी सरकार (Uttarakhand Madrasa Survey) भी बिना मान्यता चल रहे मदरसों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का मन बना चुकी है। इसे लेकर उत्तराखंड सरकार ने एक आदेश भी जारी किया है। जिसमें लिखा है कि बिना मान्यता के चल रहे मदरसों को एक महीने के अंदर शिक्षा विभाग से मान्यता लेनी होगी। इसके साथ ही वक्फ बोर्ड की जमीनों पर हुए अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सोमवार को विधानसभा में समाज कल्याण मंत्री चंदन रामदास ने समीक्षा बैठक में इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तहत कई मदरसे अभी भी बिना मान्यता के चल रहे हैं। उन्होंने ऐसे मदरसों को एक महीने के भीतर शिक्षा विभाग से मान्यता लेने का अल्टीमेटम दिया

ये भी कहा कि वक्फ बोर्ड के अंतर्गत जमीनों का चिन्हिकरण किया जाए। मंत्री चंदन रामदास ने अनधिकृत कब्जे वाली जमीनों को खाली कराने की हिदायत भी दी। इसके अलावा उत्तराखंड के मदरसों में अब एनसीईआरटी सिलेबस से पढ़ाई होगी। इसके लिए सरकार की ओर से ठोस रणनीति बनाकर कार्य किया जा रहा है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने बताया था कि बोर्ड के अंदर प्रदेशभर में 103 मदरसे संचालित हैं। कुछ चयनित मदरसों में इसी साल, जबकि शेष बचे मदरसों में अगले साल तक हर हाल में एनसीईआरटी सिलेबस को लागू कर दिया जाएगा। बता दें कि मदरसों को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। आरोप लगते हैं कि मदरसों में मजहबी पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को कट्टरता सिखाई जाती है। कुछ आतंकी वारदातों का कनेक्शन भी मदरसों से जुड़ चुका है। इसे देखते हुए पड़ोसी राज्य यूपी ने मदरसों का रिकॉर्ड बनाना शुरू किया है, उत्तराखंड में भी मदरसों Uttarakhand Madrasa Survey पर निगरानी बढ़ाई जाएगी