Dehradun News: देहरादून में प्रशासन की लापरवाही एक बड़ा नमूना देखने को मिला है। आलम ये है कि यहां पर कोरोना काल में लगाई गई टैक्सियों का अब तक भुगतान नहीं हो पाया है। परेशान टैक्सी चालक अपने पैसों के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. डेढ साल का वक्त गुजर जाने के बाद भी टैक्सी चालकों को उनके हक का पैसा नहीं मिल पाया है। कोरोना काल में जहां लोग अपनी जान बचाकर घरों में कैद थे वहीं टैक्सी चालकों ने प्रशासन का पूरा सहयोग दिया था। ये टैक्सी गाड़ियां कोरोना काल में 6 महीने तक चली थी। इनमें से 129 टैक्सी गाड़ियों का भुगतान नहीं हो पाया है। इन टैक्सी गाड़ियां का करीब 17 लाख 76 हजार रुपये का भुगतान बकाया है।
यही नहीं, नवंबर 2021 में रैणी गांव में आई आपदा और कासरो रेल दुर्घटना के दौरान भी टैक्सी संचालकों की 14 गाड़ियों का भी इस्तेमाल किया गया था। जिनका अब भी करीब 54,216 रुपये बकाया है। जिसको लेकर भी वाहन संचालक पैसे के भुगतान की मांग कर रहे हैं। इसके लिए टैक्सी संचालक लगातार दफ्तरों के चक्कर काट रहे है लेकिन एक साल का वक्त बीत जाने के बाद भी पैसों का भगतान नहीं हो पाया है।
इस मामले पर देहरादून की जिलाधिकारी सोनिका का कहना है कि इस बारे में शासन को जानकारी दी गई है। उम्मीद है कि जल्द भुगतान हो सकेगा लेकिन बड़ा सवाल है कि आखिर इतना लंबा वक्त बीत गया, फिर किसकी लापरवाही से अब तक भुगतान अधर में लटका रहा। वहीं देहरादून आरटीओ ने इस बात को माना है की टैक्सी वालों का पैसा लंबे समय से रुका हुआ है जिसके लिए विभागीय स्तर से सभी कार्रवाई की जा चुकी है। इस संबंध में एडीएम और डीएम को पत्राचार भी कर दिया गया है लेकिन ये पैसा कब तक टैक्सी मालिकों तक पहुंचाया जाएगा इसके लिए कोई भी समय सीमा तय नहीं की गई है।