उत्तराखंड में तीलू रौतेली पुरस्कार का वितरण हो चुका है। दगड़ियो महिलाओं के संघर्ष और सफलता की पहचान तीलू रौतेली पुरस्कार 13 निडर महिलाओं को मिला सम्मान। दगड़ियो क्या आब जानते हैं उत्तराखंड की बहादुर महिलाओं को ये पुरस्कार क्यों किया जाता है। Teelu Rauteli Award to 13 women क्या आप लोग ये जानते हैं कि ये तीलू रौतेली कौन थी, जिनके नाम पर ये सम्मान दिया गया है। क्या आपने कभी महान वीरांगना तीलू रौतेली के बारे में बढ़ा है या जानने की कोशिस की है। दगड़ियो उत्तराखंड की महान वीरांगना तीलू रौतेली के सम्मान में हर साल आयोजित होने वाला पुरस्कार वितरण समारोह इस बार भी भव्यता और गर्व का अवसर बना। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने विशिष्ट अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। राजपुर से विधायक खजानदास ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। दगड़ियो कार्यक्रम देहरादून के आईआरडीटी ऑडिटोरियम, सर्वे चौक में आयोजित किया गया, जहां महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद थे। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल तीलू रौतेली जैसे प्रेरणादायक महिला नेता की याद को सजीव रखना है, बल्कि राज्य में महिलाओं की भूमिका और उनके अधिकारों को बढ़ावा देना भी है। दगड़ियो इस वर्ष 13 बहादुर महिलाओं का चयन किया गया, जिन्हें उनके विभिन्न क्षेत्रों में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। इनमें सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान देने वाली महिलाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, और बाल विकास के क्षेत्र में कार्यरत महिलाएं शामिल हैं। तीलू रौतेली जैसे वीरांगना ने जो साहस और समर्पण दिखाया, वही हम सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है। हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी याद को जीवित रखें और महिलाओं को सशक्त बनाएं। यह पुरस्कार इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है इस बात का जिक्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंच से किया। वहीं दूसरी ओर दगड़ियो मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण को अपनी प्राथमिकता मानती है और इसके लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने तीलू रौतेली पुरस्कार को महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बताया जो उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करती है और समाज में उनकी भागीदारी बढ़ाने का काम करती है।
इस कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया। ये महिलाएं राज्य के ग्रामीण और दूर-दराज इलाकों में मातृ और बाल स्वास्थ्य, पोषण तथा शिक्षा के क्षेत्र में निष्ठा और समर्पण से कार्य कर रही हैं। इनके योगदान को सराहते हुए कार्यक्रम का उद्देश्य इन्हें प्रोत्साहित करना भी था। इस साल प्रदेश भर से कुल मिलाकर 13 महिलाओं का चयन किया गया है। इसके अलावा 33 महिलाओं को राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का पुरस्कार दिया जाएगा। तीलू रौतेली पुरस्कार 2024–25, हेमा नेगी करासी (रुद्रप्रयाग) – लोकगायिका, गढ़वाली लोकधुनों की पहचान, मीता उपाध्याय (अल्मोड़ा) – शिक्षा व महिला सशक्तिकरण कार्य अलीशा मंरलाल (बागेश्वर) – खेल/सामाजिक योगदान, सुरभी बिष्ट (चमोली) – शिक्षा व समाजहित, अनामिका बिष्ट (चंपावत) – युवा प्रेरक कार्य, शिवानी गुप्ता (देहरादून) – समाज सेवा व जनहित कार्य, रूमा देवी (हरिद्वार) – महिला उद्यमिता व सामाजिक कार्य, नैना (नैनीताल) – शिक्षा व ग्रामीण विकास, रोशमा देवी (पौड़ी) – महिला सशक्तिकरण, रेखा भट्ट (पिथौरागढ़) – समाज सेवा, साक्षी चौहान (टिहरी) – खेल उपलब्धि, विजयी लक्ष्मी जोशी (उत्तरकाशी) – महिला जागरूकता व विकास कार्य, रेखा (उधमसिंह नगर) – समाज uplift व सेवाभाव ये वो नाम जो प्रदेश के गौरव बने हैं। जिन्हें महान वीरांगना तीलू रौतेली सम्मान से नवाजा गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं उस तीलू रौतेली के बारे में बता रहा हूं।
आपको दगड़ियो बता दूं कि महान वीरांगना तीलू रौतेली का नाम उत्तराखंड की वीरता, साहस और मातृभूमि के प्रति समर्पण का प्रतीक है, उन्होंने अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ अत्यंत साहसिक भूमिका निभाई थी। उनकी इस वीरता और बलिदान को याद करते हुए राज्य सरकार ने इस पुरस्कार को शुरू किया है, जो सालाना उन महिलाओं को दिया जाता है जो समाज में अपने कार्यों से प्रेरणा का स्रोत बनी हैं। दगड़ियो इस कार्यक्रम के माध्यम से न केवल महिलाओं को सम्मान मिला, बल्कि यह संदेश भी गया कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर दिए जाएं। सरकारी अधिकारी और कर्मचारी इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, ताकि राज्य में महिलाओं का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री और महिला मंत्री दोनों आश्वासन देती दिखाई दी है कि तीलू रौतेली पुरस्कार समारोह के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण के लिए नई नीतियां और योजनाएं भी जल्द लागू की जाएंगी, जो महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार करेंगी और उन्हें सामाजिक, आर्थिक व शैक्षिक रूप से मजबूत बनाएंगी। दगड़ियो तीलू रौतेली पुरस्कार वितरण समारोह सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि महिलाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत है जो उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करता है और समाज में उनकी भूमिका को मजबूती देता है। उत्तराखंड सरकार का यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है।