मालन नदी में बहा हाथी का बच्चा अब सुरक्षित, कालागढ़ रेस्क्यू सेंटर में चल रहा इलाज

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मानसून के मौसम में लैंसडौन वन प्रभाग क्षेत्र से सामने आई एक मार्मिक कहानी ने लोगों के दिलों को छू लिया। भारी बारिश के दौरान जब एक झुंड मालन नदी पार कर रहा था तभी उनमें से एक मासूम हाथी का बच्चा तेज़ धारा में बह गया। Elephant Swept Away Malan River महज़ एक महीने की उम्र में इस नन्हे हाथी ने जीवन और मौत के बीच संघर्ष किया। सूचना मिलते ही लैंसडौन वन प्रभाग की टीम मौके पर पहुँची और नदी के किनारे रेस्क्यू अभियान शुरू किया। कई घंटों की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार टीम ने हाथी के बच्चे को सुरक्षित निकाल लिया। इस दौरान उसे कुछ चोटें आईं और एक पैर में हल्का फ्रैक्चर भी पाया गया। रेस्क्यू के बाद वन विभाग की टीम ने प्राथमिक इलाज लैंसडौन रेंज कार्यालय में किया और फिर बेहतर देखभाल के लिए उसे कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया।

यहाँ विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की देखरेख में उसका इलाज जारी है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ साकेत बडोला के अनुसार, यह हाथी का बच्चा मादा है और फिलहाल उसकी सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। चिकित्सक टीम उसे नियमित दवा पोषणयुक्त भोजन और आराम दे रही है। अभी उसकी पूरी तरह से रिकवरी में कुछ समय और लगेगा लेकिन राहत की बात यह है कि अब वह खतरे से बाहर है। प्रकृति के इस नन्हे जीव की यह कहानी वन विभाग की तत्परता और मानवीय संवेदना का उदाहरण बन गई है, जिसने साबित किया कि जंगलों की निःशब्द जिंदगियाँ भी हमारी जिम्मेदारी हैं।

 

बाइट। साकेत बडोला निदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व रामनगर