अंकिता हत्याकांड में सबसे बड़ा राज, कौन है वह VIP जिसे रिजॉर्ट में मिलती थी ‘एक्स्ट्रा सर्विस’?

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देहरादून: 19 साल की रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की मौत के मामले में भले ही पुलिस ने वनंत्रा रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर एवं अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया हो। लेकिन कुछ सवाल ऐसे हैं, जो जिनका जवाब अभी तक भी नहीं मिल पाया है। इस मामले में गठित की गई एसआईटी भी अभीतक भंवर में फंसे कुछ सवालों के जवाब नहीं ढूंढ़ पाई है। वनंतरा रिजॉर्ट में किसे एक्ट्रा ‘वीआईपी’ सर्विस मिलती थी? इस बात की भी एसआईटी गहनता से जांच करेगी। पुलिस सूत्रों की मानें तो एसआईटी कुछ सफेदपोशों से भी पूछताछ कर सकती है।

एसआईटी सूत्रों ने बताया कि रिमांड मिलने के बाद पुलिस सभी आरोपियों से विस्तार से पूछताछ करेगी। रिमांड में पूछताछ के दौरान आरोपियों को रिजार्ट और चीला नहर ले जाना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि रिमांड में अभी अंकिता व पुलकित के मोबाइल सहित कई चीजें बरामद की जानी भी बाकी हैं। इसके अलावा उनसे पूछताछ कर घटना का पूरा सच भी पुलिस को उगलवाना है। रिमांड के बाद उन्हें पौड़ी जेल से निकालना भी चुनौती होगी, क्योंकि उनके खिलाफ बेहद जनाक्रोश पैदा हो गया है। ऐसे में पुलिस रिमांड के बाद पूछताछ के लिए कोई विशेष रणनीति बना सकती है। जनाक्रोश को देखते हुए आरोपियों की सुरक्षा भी बड़ी चुनौती होगी।

अंकिता भंडारी हत्याकांड के जुड़ा सबसे बड़ा सवाल यही है कि वनंत्रा रिसॉर्ट पर आधी रात को किसके कहने पर और किसने बुलडोजर जलाया। करीब 4 दिन तक भी जब अंकिता का कुछ पता नहीं लगा तो मामला 22 सितंबर को पौड़ी जिले के लक्ष्मण थाने को ट्रांसफर किया गया। वहीं 23 सितंबर को पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 23 सितंबर की रात को वनंत्रा रिसॉर्ट को बुलडोजर से तोड़ दिया गया, जहां पर अंकिता रिसेप्शनिस्ट थी। सवाल इसीलिए भी खड़ा हो रहा है, क्योंकि जिस कमरे में अंकिता रहती थी। वहां पर ज्यादा तोड़फोड़ की गई है। तब से लेकर अभीतक इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है कि किसके आदेश पर रिसॉर्ट तोड़ा गया।

इस मामले में पौड़ी डीएम विजय कुमार जोगदंडे से लेकर प्रशासन के अन्य अधिकारी भी लगातार अपना बयान बदल रहे है। वहीं, ये भी आरोप लगाया जा रहा है कि रिसॉर्ट में तोड़फोड़ की वजह से वहां मौजूद कई सबूत नष्ट हो गए है, जो इस केस में अहम कड़ी साबित हो सकते थे। अंकित भंडारी हत्याकांड से जुड़ा बड़ा सवाल जिसका जवाब अभीतक नहीं मिला है, वो है कि रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलने के बाद वहां पर बड़ी संख्या में पुलिस बल क्यों तैनात नहीं किया गया? क्योंकि 23 सितंबर रात को बुलडोजर से रिसॉर्ट तोड़ा गया। वहीं, 24 सितंबर को दिन में गुस्साएं लोगों ने रिसॉर्ट के पीछे हिस्से में पुलकित कार्य की फैक्ट्री में आग लगा दी थी। यहां पर भी यही सवाल खड़ा हो रहा है कि फैक्ट्री में की गई आगजनी से भी कई सबूत नष्ट हो गए होगे।

अंकित भंडारी हत्याकांड में तीन आरोपियों के अलावा एक और नाम पर है, जिस पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे है, वो है पटवारी वैभव प्रताप का। पटवारी वैभव को वैसे तो प्रशासन ने सस्पेंड कर दिया है। बताया गया कि राजस्व क्षेत्र उदयपुर तल्ला-2 के राजस्व उप निरीक्षक वैभव प्रताप को 19 सितंबर को ही अंकिता के लापता होने की जानकारी मिल गई थी, लेकिन वैभव प्रताप ने अपने उच्च अधिकारियों को घटना की जानकारी नहीं दी। वह 20 सितंबर से 23 सितंबर तक पिता के स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए छुट्टी पर चले गए थे। वैभव प्रताप आखिर क्यों पुलकित आर्य पर इतना महरबान था। अभीतक एसआईटी ने वैभव प्रताप से पूछताछ क्यों नहीं की।