कोटद्वार में बीते दिन मालन नदी पर बना पुल ढह गया. जिससे भाभर क्षेत्र का संपर्क कोटद्वार से पूरी तरह टूट गया है। इस पुल से गुजर रहे दो लोग हादसे का शिकार हो गए। फिलहाल प्रशासन ने पुल पर आवाजाही बंद कर दी है। मालन नदी पर बने पुल के टूटने के बाद सरकारी सिस्टम पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। हैरत की बात यह है कि इस पुल के तेज बहाव में टूटने की आशंका पहले ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने जता दी थी। उन्होंने इसके संबध में एक पत्र प्रशासन को भेजा था। भड़की विधायक ने रंजीत सिन्हा, सचिव आपदा प्रबंधन को कॉल कर खरी खोटी सुना दी।
फोन पर बातचीत के दौरान, क्षेत्रीय विधायक खंडूड़ी ने कहा कि, पिछले एक साल से मैं पीडब्ल्यू को पत्र भेजकर कह रही हूं कि पुल ठीक कंडीशन में नहीं हैं। यहां खनन हो रहा है। कुछ नहीं हुआ। हमने डीएम को लिखा, आपको लिखा, एस्टीमेंट भेजा लेकिन कुछ नहीं किया गया। सामने से जो भी जवाब मिला तो उसके बाद विधायक बोली, साहब, पुल जिस कारण भी गिरा हो, हम तो आपसे दीवार मांग रहे थे न। हम तो आपसे मांग रहे थे कि उसको ठीक करके दीजिए। ईई के माध्यम से हमने 25 बार आप लोगों को लिखा है। मैंने खुद आपको लिखा है। दिस इज वेरी अनफॉरच्यूनेट मिस्टर सिन्हा! कुछ नहीं किया गया। मैं इस पुल को तेजी से ठीक कराना चाहती हूं। भाभर से कोटद्वार कट गया है। आधी हमारी आबादी उस तरफ रह गई है। हर जरूरत के लिए उन्हें कोटद्वार आना पड़ता है। मैं जानना चाहती हूं कि कैसे होगा। आपदा में ये हुआ है। मैं कल देहरादून आ रही हूं। मैं आपके साथ बैठूंगी। मुझे तत्कालिक समाधान चाहिए।
आगे विधायक बोलीं, मैं बहुत डिस्पॉइंट हूं। मैं एक साल से लगी हुई थी। हम लगातार आपको बता रहे थे। मरम्मत में है लेकिन हमने आपको आपदा में भी कहा था न भाई। हमारा तो पुल ढह गया ना। इसका मतलब चीजें नहीं हुई हैं। सामने से कोई जवाब आया तो फिर विधायक ने नाराजगी जताई। कहा, मिस्टर सिन्हा! ब्लेमगेम बिटविन ऑफिसर इज योर प्रॉब्लम। मैं लोनिवि सचिव, मुख्य सचिव से बात करने जा रही हूं। ब्लेमगेम आपके विभाग में चल रहा है, मुझे इसकी कोई परवाह नहीं है। मैंने आपको इन्फार्म किया था। सबको किया था। मुख्य सचिव, लोनिवि सचिव से लेकर सबको चिट्ठियां भेजी गई हैं। अब ये आपका इश्यू है। किसका ब्लेम है, किसका गेम है, मुझे कोई मतलब नहीं है। सामने से कुछ जवाब मिला तो विधायक खंडूड़ी ने कहा कि हम कुछ नहीं कर सकते, जितना जल्दी हो इस पुल को दोबारा चालू किया जाए…कहकर फोन काट दिया।