जी हां दोस्तो चुनावी समर का आगाज करने वाली अपने उत्तराखंड की सियासत में चुनौतियों की भरमार, अंकिता भंडारी केस में बीजेपी अब बैकफुट पर है ही केवल VIP कनेक्शन वाला मामला ही नहीं, एक और मामला जिसने बीजेपी को टेंशन में डाल दिया। वैसे चिंता तो सरकार की बढ़ रही है, जनता के बढ़ते दबाव और विरोध के बीच पार्टी को बड़ा फैसला लेना ही पड़ा। एक नहीं दो मामले ऐसे हैं जिसर पर बीजेपी और सकरकार को फैसला लेना ही पड़ा यूं कहूं कि जनता और विपक्ष ने मजबूर कर दिया। पूरी खबर देखिएगा और समझिये कि कैसे चुनाव से ठिक एक साल पहले, बीजेपी की ये स्थिति क्यों हो गई। दोस्तो बीते एक हफ्ते में हम लोगों के सामने एक नहीं दो घटनाक्रम ऐसे हुए, जिससे प्रदेश का माहौल गर्माता दिखाई दिया। विपक्ष से लेकर आम जन भी सरकार और बीजेपी से जवाब मांगने लगा, जहां एक तरफ अंकिता भंडारी हत्याकांड में कथित वीआईपी को लेकर खूब शोर सुनाई दे रहा है, तो इस मामले एक गुपचुप जांचकी बात समाने आ रही है। वीआईपी की नहीं उन ऑडियो वीडियो कि वहीं दोस्तो एक और मामला है। AI वीडियो प्रकरण जिसपर हरीश रावत समेत कांग्रेस ने खूब बवाल काटा इन दोनों मामलों में अब ऐसा लग रहा है कि बीजेपी बैकफुट पर है।
दोस्तो हरीश रावत के प्रदर्शन के बाद बीजेपी ने अपने सोशस मीडिया हैंडल्स से AI वीडियो को हटा दिया है। वहीं, अब इस मामले में कांग्रेस पीछे हटने को तैयार नहीं है। कांग्रेस ने बीजेपी से इस मामले को लेकर माफी मांगने को कहा है। दोस्तो उत्तराखंड, बीजेपी के ऑफिशल फेसबुक इंस्टाग्राम और एक्स हैंडल पर हरीश रावत को मुस्लिम टोपी के साथ मुसलमानों का हितेषी दिखाते हुए एक ऐसी वीडियो बनाई गई थी। जिसमें हरीश रावत को मुस्लिम प्रेमी दिखाया गया, साथ ही वह लगातार उत्तराखंड में मजार और मस्जिद बनवाते जा रहे हैं ऐसा कुछ वीडियो में दिखा। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस वीडियो में हीरो दिखाया गया। दोस्तो इस आर्टिफिशियल वीडियो पर हरीश रावत ने कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई। यही वीडियो नहीं इसके अलावा एक और वीडियो भी सोशल मीडिया पर कई अलग-अलग अकाउंट से वायरल किया जा रहा है, जिसमें हरीश रावत को पाकिस्तान स्पाई बताया जा रहा था। इस वीडियो पर भी हरीश रावत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। हरीश रावत ने कहा, उनकी छवि को तो धूमिल किया जा रहा है। इसके अलावा उनके ऊपर ऐसी वीडियो और प्रोपेगेंडा चला कर जान का जोखिम भी बना हुआ है। दोस्तो इस पूरे मामले पर हरीश रावत ने देहरादून नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। हरीश रावत को पूरे 4 घंटे तक नेहरू कॉलोनी थाने में बैठना पड़ा। उसके बाद FIR दर्ज हुई। यहां शिकायत बीजेपी नहीं बल्कि अज्ञात के खिलाफ दर्ज करवाई गई। इसके बाद हरीश रावत एसएसपी देहरादून से मिलने गए। बाद में हरीश रावत ने बीजेपी मुख्यालय घेराव की भी चेतावनी दी।
इसी के चलते गुरुवार को हरीश रावत ने देहरादून बलबीर रोड स्थित बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय घेराव किया। जहां भारी पुलिस बल ने उन्हें रोका। इसके बाद हरीश रावत ने लाउडस्पीकर लगाकर भारतीय जनता पार्टी के लोगों को खूब खरी खोटी सुनाई। दोस्तो अब इस पूरे मामले को बढ़ता देख बीजेपी बैकफुट पर आई। आखिरकार उन्होंने अपने ऑफिशियल अकाउंट से मुस्लिम तुष्टिकरण वाला हरीश रावत का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बना वीडियो हटा दिया है। अब इस पर कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी अपने कुक्कृतों से बाज नहीं आती है। उन्हें ये वीडियो हटाना ही पड़ता, साथ ही ये भी कि बीजेपी को एक बात समझ लेनी चाहिए कि भले ही इस बार उन्हें ये वीडियो दबाव में आकर हटाना पड़ा क्योंकि बीजेपी द्वारा जो यह झूठा प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा था। पूरी कांग्रेस को बदनाम किया जा रहा था। इस पूरे मामले में माफी मांगनी चाहिए। बीजेपी इस मामले पर बयान दिया, उन्होंने कहा किसी दबाव में आकर यह वीडियो नहीं हटाई गई है। उन्होंने कहा कानून के दायरे में रहकर पुलिस का सहयोग किया है। जिसके कारण यह वीडियो हटानी है, उन्होंने कहा इसके अलावा भी कहीं पर भी पुलिस और कानून की कार्रवाई में BJP को सहयोग देना होगा तो वह लगातार देगी रहेगी। हरीश रावत के प्रदर्शन को लेकर भाजपा ने कहा हरीश रावत के प्रदर्शन में उनके ही लोग नदारद थे। पूरी कांग्रेस अलग-अलग नजर आई। उन्होंने कहा BJP पर कोई दवाब नहीं है। ठीक भी तो है सियासत में सियासत नहीं होगी तो फिर क्या कबड्डी होगी। वैसे दोस्तो, इतना तो तय की बीजेपी के लिए थोड़ा मुश्किल तो जरूर हो रही है हालिया घटनाक्रम से जहां बीजेपी हमेशा से फ्रंटफुट पर खेलती थी वहीं अंकिता भंडारी केस और AI वीडियो विवाद ने बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है आपको क्या लगता है अपनी राय दीजिएगा।