टला नहीं जोशीमठ से खतरा! डिजास्टर टीम बोली- अभी और आएंंगी दरारें..बारिश-बर्फबारी के आसार

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उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धसांव के चलते यहां के लोग दहशत में हैं। किसी भी अनहोनी से निपटने को लेकर एनडीआरफ की टीमें पूरी तरह तैनात हैं। इस बीच, उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत सिन्हा ने जोशीमठ को लेकर सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने ताजा अपडेट देते हुए बताया कि पानी के रिसाव में कमी आई है। 163 एलपीएम ही पानी का रिसाव हुआ है। साथ ही उन्होंने कहा कि जोशीमठ में अभी खतरा टला नहीं है। आगे चल कर और भी दरारें आएंगी। अभी तक 800 लोगों को सुरक्षित शिफ्ट किया गया है।

रंजीत सिन्हा ने बताया कि NGMI ने दो प्रोफाइल पूर्ण कर लिए हैं। इस सर्वे से जमीन के अंदर पानी के रिसाव का पता चलेगा। भवनों में दरारें आने की संख्या में अभी और बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने बताया कि रोपवे को लेकर एक इंजीनियर नियुक्त किया गया है, जो वहां पर निगरानी करेगा। सिन्हा ने कहा कि कई जगहो पर क्रेको मीटर लगाए गए हैं। जो दरारों के पैटर्न पर अध्ययन करेंगे। कोटि कॉलोनी, उद्यान विभाग की जमीन, पीपलकोटी, ढाल की जमीन सुरक्षित पाई गई हैं। इन्हीं जगहों पर अस्थाई आवास बनाया जाएगा। घरों का सर्वे होने के बाद उसी तर्ज पर विस्थापितों को अस्थाई आवास दिए जाएंगे।

जोशीमठ में जारी राहत अभियानों और अध्ययन के लिए आने वाले चार दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इन चार तिथियों में पश्चिमी विक्षोभ के फिर सक्रिय होने से प्रदेश मेें मौसम का मिजाज बदलने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक 19 और 20 जनवरी को बारिश, वहीं 23 और 24 जनवरी को बारिश के साथ बर्फबारी की संभावना है। ऐसे में आपदा प्रभावित इलाके जोशीमठ में सरकार, शासन और जिला प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है।