उत्तराखंड स्थिति श्री बद्रीनाथ धाम जी के कपाट खुलने की तिथि नरेंद्रनगर राजमहल में तय कर दी गई है। Kuber Panchami Teeka Festival परंपरा के अनुसार रविवार को टिहरी जिले के नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में महाराजा मनुजेंद्र शाह और राजकुमारी श्रीजा शाह की मौजूदगी में राजपुरोहित ने पूजा-अर्चना की। साथ ही श्री बद्रीनाथ जी धाम के कपाट आगामी 4 मई सुबह छह बजे खोले जाने की घोषणा की गई। साथ ही भगवान बद्रीविशाल के अभिषेक के लिए आगामी 22अप्रैल को नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में तिल का तेल निकाला जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार वसंत पंचमी के दिन बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की जाती है। इस दिन तेल पिरोने की तिथि भी तय होगी। उसके बाद तेल को गाडू घड़े में भरा जाएगा। तब तक गाडू घड़ा राजमहल में ही रहेगा।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट चार मई को सुबह छह बजे खुलेंगे। नरेंद्र नगर, टिहरी स्थित राजमहल में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित सादे धार्मिक कार्यक्रम में राज परिवार, श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति, श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत की उपस्थिति में धर्माचार्यों ने पंचाग गणना के अनुसार श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की। वहीं, 22 अप्रैल को गाडू घड़ा (पवित्र तेल कलश) के लिए तिलों से तेल पिरोने की तिथि निर्धारित की गई है। बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से चलती है। शनिवार को डिमरी पुजारियों के गांव डिम्मर में लक्ष्मी नारायण मंदिर से पूजा अर्चना और बाल भोग के बाद गाडू घड़ा को ऋषिकेश के लिए रवाना किया गया। देर शाम तीर्थनगरी में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के विश्राम गृह में गाडू घड़ा यात्रा पहुंची। शाम को डिमरी पुजारियों ने परंपरा के अनुसार विश्राम गृह में सांध्य कालीन आरती की।